जयपुर.राजस्थान चुनावी साल से गुजर रहा है, लिहाजा राजनीतिक दलों की रणनीति भी चुनावी रंग में रंगी दिख रही है. इसी बीच गुरुवार को प्रदेश सरकार का देवस्थान विभाग के मंदिरों से जुड़ा सरकारी कार्यक्रम काफी चर्चा में है. आज सुबह महकमे की मंत्री शकुंतला रावत ने मंदिरों के शिखर पर पीताम्बरी ध्वज लगाने की शुरुआत की. प्रदेश भर के 593 मंदिरों पर इन ध्वजों को स्थापित किया गया है. इस कार्यक्रम के बाद मंत्री रावत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेस हमेशा से ईश्वर पर विश्वास रखती है. उन्होंने कहा कि हमारी परंपरा के मुताबिक ध्वजारोहन हमेशा खुशहाली का प्रतीक रहा है. वहीं ध्वज पर अंकित चिन्ह शक्ति का प्रतीक है, तो सूर्य प्रकाश को दर्शाता है. गौर है कि धार्मिक कार्यक्रमों की कड़ी में इसके पहले देवस्थान विभाग मंदिरों में रुद्राभिषेक और सुंदरकांड पाठ भी करवा चुका है.
गुरु पुष्य दुर्लभ संयोग का चुनाव :25 मई 2023 को गुरु पुष्य दुर्लभ संयोग को देखते हुए देवस्थान विभाग ने पीतांबरी पताकाओं को विभाग के राजकीय मंदिरों पर लगाया. राजधानी जयपुर की बड़ी चौपड़ पर स्थित श्री कल्कि जी मंदिर से राजकीय कार्यक्रम के तहत ध्वज लगाकर इसकी शुरुआत हुई. देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत ने ध्वज संयोग को सनातन पहचान बताया. इस मौके पर विशेष रूप से पवित्र 'ऊँ' शब्द लिखे पीले रंग के ध्वज देवस्थान के मंदिरों पर लगाये गए हैं. माना जाता है कि आज का दुर्लभ संयोग भाग्य वृद्धि के लिये फल दायक होता है. लिहाजा इसी मान्यता के मुताबिक विभाग ने प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम का आगाज किया है.