जयपुर. किसान नेता रामपाल जाट ने गुरुवार को कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और अन्य नेताओं ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलवाई. रामपाल जाट लंबे समय तक भाजपा में रहे और प्रदेश महामंत्री का पद भी संभाला. किसान हित के मुद्दों पर उन्होंने भाजपा से नाता तोड़ लिया था. इसके बाद कुछ समय तक आम आदमी पार्टी के साथ रहे. अब विधानसभा चुनाव के मतदान से ठीक पहले उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है.
कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद मीडिया से बातचीत में रामपाल जाट ने कहा कि दोनों पार्टियों के घोषणा पत्रों का अध्ययन करने के बाद किसानों ने कांग्रेस के साथ आने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में एमएसपी का जिक्र तक नहीं किया है, शायद वे भूल गए हैं. जबकि इस मुद्दे पर मेरी भाजपा के कमोबेश सभी नेताओं से बातचीत हुई थी. पीएम नरेंद्र मोदी से भी पहले एमएसपी को लेकर बात हुई. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सहयोग का भरोसा दिलाया था, लेकिन अब चुनावी घोषणा पत्र में इस मुद्दे को भूल गई. कांग्रेस ने एमएसपी पर कानून बनाने की घोषणा की है. इसलिए हम उसके साथ हैं जो फसल को खेत को पानी और उपज को दाम की बात पर किसान का साथ दे.
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ईआरसीपी को लेकर कही यह बात : रामपाल जाट ने कहा कि भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में केंद्र के साथ मिलकर पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को पूरा करने की बात कही है. जबकि केंद्र सरकार तो इस मामले को पहले ही लटका चुकी है. कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में ईआरसीपी को भी पूरा करने का वादा किया है. यह राजस्थान के 13 जिलों के किसानों के लिए वरदान साबित होगी. इसलिए खेत और किसान के मुद्दे पर हमने कांग्रेस का बिना शर्त समर्थन करने का एलान किया है.
11 जुलाई को प्रस्ताव किया पारित : रामपाल जाट ने कहा कि किसान महापंचायत की 11 जुलाई को महाराष्ट्र में हुई बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया था कि चुनाव में जो पार्टी किसानों को एमएसपी की गारंटी देने की बात करेगी. किसान उसका समर्थन करेंगे. अब भाजपा ने इस पर बात ही नहीं की, जबकि कांग्रेस ने इस पर कानून बनाने की बात कही है. इसलिए सभी किसान आपसी मतभेद भुलाकर कांग्रेस को समर्थन दे रहे हैं.
भाजपा के घर वापसी के प्रस्ताव पर दिया यह जवाब : रामपाल जाट ने एक सवाल के जवाब में कहा कि किसान हित के मुद्दे पर उन्होंने भाजपा का साथ छोड़ दिया था. इसके बाद 2019 में और अभी चुनाव से पहले भाजपा ने फिर से घर वापसी का प्रस्ताव दिया था. लेकिन उन्होंने यह कहकर मना कर दिया कि उनका घर भाजपा नहीं बल्कि खेत और किसान हैं. अब घोषणा पत्र आने के बाद यह निर्णय किया है कि राजस्थान में कांग्रेस का राज दोबारा लाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने यदि राजस्थान में एमएसपी और ईआरसीपी पर काम किया तो लोकसभा चुनाव में देश में माहौल बदल जाएगा.