जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बिजली बिल से फ्यूल सरचार्ज पूरी तरह से खत्म कर चुनावी साल में एक और मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है. जयपुर के बिड़ला सभागार में स्मार्टफोन वितरण समारोह के दौरान सीएम गहलोत ने फ्यूल सरचार्ज को पूरी तरह से खत्म करने की घोषणा की. सीएम ने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार पर 2500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा. बिजली कंपनियों को राज्य सरकार की ओर से सब्सिडी का रुपया अदा किया जाएगा. इससे पहले गहलोत सरकार ने 200 यूनिट तक बिजली के बिलों में फ्यूल सरचार्ज फ्री कर दिया था. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने 15 अगस्त से मुख्यमंत्री मुफ्त अन्नपूर्णा भोजन पैकेट योजना का लाभ देने की भी घोषणा की.
बिजली हुई सस्ती - मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता को जनकल्याणकारी योजनाओं के जरिए सरकार राहत देने का काम कर रही है. महंगाई के इस दौर में राज्य सरकार घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट और किसानों को 2000 यूनिट मुफ्त बिजली दे रही है, जिसके चलते 100 यूनिट बिजली उपभोग करने पर घरेलू उपभोक्ताओं और 2000 यूनिट का बिजली बिल शून्य रहा था. लेकिन उससे ऊपर एक यूनिट होने पर बिजली का बिल बढ़कर आ रहा था. ऐसे में अब फ्यूल सरचार्ज को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है. इससे आम जनता को बड़ी रहत मिलेगी. इस योजना से प्रदेश के 1.04 करोड़ उपभोक्ताओं को फ्यूल सरचार्ज नहीं देना पड़ेगा. सीएम ने कहा कि आम जनता को मिलने वाली इस राहत से राज्य सरकार पर 2500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा.
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सीएम ने छीना भाजपा से मुद्दा -बता दें कि इन साढ़े चार साल में सरचार्ज तीन बार वसूला जा चुका है. अप्रैल 2019 से जून 2019 तक डिस्कॉम की ओर से 55 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज वसूला गया. पिछले साल जुलाई 2022 से सितंबर 2022 तक 45 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज वसूला गया था. इसके बाद अक्टूबर 2022 से दिसंबर 2022 तक भी 52 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज लगाया गया था. सरकार की ओर से बढ़ाए गए इस फ्यूल सरचार्ज पर विपक्ष ने सत्ता पक्ष को जमकर घेरा था. इतना ही नहीं सरकार की ओर से 100 यूनिट घरलू और 2000 यूनिट किसानों को बिजली फ्री करने के बाद फ्यूल सरचार्ज नाम पर बढ़े हुए बिल आने पर भाजपा गहलोत सरकार को घेर रही थी. भाजपा फ्यूल सरचार्ज को चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश भी कर रही थी, लेकिन सीएम ने पूरी तरह से फ्यूल सरचार्ज खत्म कर भाजपा के हाथ से बड़ा मुद्दा छीन लिया है.
15 अगस्त से होगी अन्नपूर्णा योजना की शुरुआत -प्रदेश की गहलोत सरकार 15 अगस्त से मुख्यमंत्री मुफ्त अन्नपूर्णा भोजन पैकेट योजना का लाभ देने जा रही है. इसको लेकर सीएम गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार पात्र जनता को इस महंगाई के दौर में अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना के माध्यम से राहत देने की तैयारी की है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के 1 करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों को इस अन्नपूर्णा किट का लाभ मिलेगा. ये सभी लाभार्थी पिछले दिनों लगे महंगाई राहत रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं.
ओबीसी आरक्षण पर बोले सीएम -मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर ओबीसी आरक्षण को बढ़ाने की बात कही. उन्होंने कहा कि राजस्थान में 21% ओबीसी का आरक्षण है, जब आरक्षण में 50% सीमा थी तब हमने ट्राइबल का 6 से 12 किया और 8 से 16 अनुसूचित जाति का किया गया. साथ ही ओबीसी का 21% आरक्षण किया गया. OBC में पिछड़ी जातियां भी हैं और अति पिछड़ी जातियां भी शामिल हैं. ऐसे में उनका अलग से सर्वे होगा. इसके लिए 27% में उनका अलग से करेंगे. पहले 50% तक आरक्षण का राइडर था, इसलिए सरकार चाहकर भी नहीं कर पाई थी, लेकिन अब वो समाप्त हो गया है. सीएम ने आगे कहा कि इससे अति पिछड़ी जातियों को शिक्षा और सरकारी क्षेत्र में सेवा के अधिक मौके मिल सकेंगे.
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SC-ST के विभिन्न संगठन भी जनसंख्या के आधार पर आरक्षण की मांग लगातार कर रहे हैं. सरकार इस मांग का भी परीक्षण करवा रही है. उन्होंने कहा कि मेरी ही पहल थी की जो आर्थिक रूप से पिछड़े हैं , उनको भी 14% आरक्षण मिले, उस वक्त अटल बिहारी वाजपेई प्रधानमंत्री थे तब पत्र लिखकर भेजा था, उसे मांग को पूरी होने में भी कई साल लग गए . हमारी सरकार ने EWS वर्ग के 10% आरक्षण में राजस्थान सरकार ने अचल संपत्ति की शर्त को हटाया था, जिससे इस वर्ग को भी आरक्षण का लाभ पूरी तरह मिलना सुनिश्चित हो सका.
भाजपा नेताओं का मानसिक संतुलन बिगाड़ा - मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भी जमकर निशाने पर लिया. उन्होने कहा कि मणिपुर में जिस तरह से घटनाएं हो रही है, उसने देश को शर्मिंदा किया है. एक हजार से ज्यादा मुकदमे दर्ज हो चुके हैं, महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाया जा रहा है. उन साथ गैंगरेप हो रहे हैं और भाजपा चुनाव जीतने के लिए राजनीति कर रही है, यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है. गहलोत ने पीएम मोदी के उस बयान पर भी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने मणिपुर की घटना की तुलना राजस्थान से की.
उन्होंने कहा कि इस तरह का बयान देखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाई है. भाजपा के नेताओं का मानसिक संतुलन बिगड़ चुका है. वो दिमाग से खाली हो चुके हैं, इसलिए इस तरह के काम और बयान दे रहे हैं. गहलोत ने कहा कि आज उनको महात्मा गांधी, सरदार पटेल, अंबेडकर याद आ रहे हैं, जबकि आजादी के इतने सालों तक उन्होंने कभी उनका नाम नहीं लिया. अब सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने के लिए उनका गुणगान कर रहे हैं और मूर्तियां लगा रहे हैं, लेकिन जनता सब देख रही है इसका जवाब उन्हें वक्त आने पर देगी.
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जोशी ने तोड़ा पुलिस का मनोबल -प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी के पुलिस को लेकर दिए बयान पर भी सीएम गहलोत ने निशाना साधा. गहलोत ने कहा कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी अपना पूरा नाम नहीं लिखते है. उन्हें अपना पूरा नाम लिखना चाहिए, क्योंकि राजस्थान में सीपी जोशी से एक ही है वह विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी . गहलोत ने कहा कि जिस तरह से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने पुलिस को लेकर बयान दिया है, उससे पूरा पुलिस महकमा आक्रोशित और नाराज है. उन्होंने पुलिस का मनोबल तोड़ने वाली बात कही है. जबकि यह वह पुलिस है जो हर विषम परिस्थितियों में भी अपनी जान पर खेलकर पीड़ित लोगों की मदद करती है.
सीएम गहलोत ने राहुल गांधी की सभा में बेहोश हुए व्यक्ति को पुलिस के द्वारा जिस तरह से गोद में उठाकर उसको बचाया गया, उसके बारे में जिक्र करते कहा कि पुलिस की यह भूमिका है और इस पुलिस को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष इस तरह की बयानबाजी करते हैं. उन्हें शर्म आनी चाहिए.
ईडी की कार्रवाई से नहीं डरेंगे - गहलोत ने प्रदेश में हो रही ED कार्रवाई पर भी कहा कि केंद्र सरकार कितना भी ED, इनकम टैक्स , सीबीआई का इस्तेमाल करले, हम डरने वाले नहीं हैं. उन्होंने कहा कि मै तो फ़क़ीर हूं, कुछ नहीं मिलने वाला. सीएम हाउस खाली करूंगा तो किराए के माकन में जाकर रहूंगा, लेकिन ये जो जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रहे हैं वो ठीक नहीं है.
कुर्सियां खाली होने से होगा वसुंधरा का भला - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लगातार हो रहे दौरों को लेकर सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि चुनाव साल में सभा होनी है, राजनीतिक पार्टियों के नेताओं की सभा होनी भी चाहिए. राहुल गांधी की भी शानदार सभा हुई है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में कुर्सियां खाली पड़ी है, यह सब देख रहे हैं . सीकर में जनता ने इनको आइना दिखा दिया है. गहलोत ने कहा कि कुर्सी खाली पड़ी रहेगी तब ही इनका जाना होगा और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा रजे का भला होगा . नहीं तो वसुंधरा राजे का भला नहीं हो सकता. कुर्सी खाली रखनी होगी. गहलोत ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री यहां चुनाव करवा रहे हैं क्या वो आएंगे जनता के लिए सड़क बनाने, बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए?