जयपुर.भले ही राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा प्रदेश से निकल गई हो, लेकिन राजस्थान एकमात्र ऐसा राज्य था, जहां कांग्रेस की सरकार है. साथ ही एक साल बाद यहां विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Election 2023) होने हैं. ऐसे में यहां के मंत्री, विधायकों व नेताओं को एक बार फिर जन जुड़ाव के लिए मैदान में उतरना है. वहीं, राहुल गांधी राजस्थान से जाते-जाते कांग्रेस के सभी मंत्रियों, विधायकों और नेताओं को जनता के बीच पैदल निकलने का मंत्र दे गए. जिसके जरिए अब प्रदेश पार्टी नेतृत्व चुनावी वैतरणी पार करने की फिराक में है.
दरअसल, राहुल गांधी यात्रा के जरिए जन जुड़ाव में लगे हैं, ताकि आगामी 2024 लोकसभा चुनाव व उससे पहले राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी को इसका (Election preparation of Rajasthan Congress started) लाभ मिल सके. इधर, पार्टी आलाकमान को भी यह बात समझ में आ गई है कि बिना जनता के बीच गए चुनावी वैतरणी पार करनी मुश्किल है. यही वजह है कि अब राहुल गांधी व पार्टी आलाकमान की ओर से प्रदेश नेतृत्व के साथ ही नेता, मंत्रियों को सीधे जनता के बीच जाने की बात कही जा रही है.
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वहीं, राहुल के सियासी निर्देशों का प्रतिफल भी अब जल्द ही राजस्थान में देखने को मिलेगा. प्रदेश नेतृत्व ने अब जनता से सीधे जुड़ाव के लिए पैदल यात्रा कर शहरों, कस्बों, गांव, गली, मोहल्लों और घरों तक अपनी पहुंच बनाने का निर्णय लिया है. असल में राहुल गांधी ने राजस्थान के बड़े नेताओं को साफ तौर पर यह (Rajasthan Congress made election strategy) मैसेज दे दिया है कि जनता से जुड़ाव के लिए मंत्री, विधायक और कांग्रेस के नेता पैदल यात्रा शुरू करें. इसमें भले ही वो गिरे, चोट लगे या फिर उनके घुटने छिल जाए, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. लेकिन जीत के लिए नेताओं का जनता के बीच जाना जरूरी है.
इसी कड़ी में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने यह तय कर दिया है कि अब नियमित रूप से बिना समय गंवाए हर महीने की 28 तारीख को सभी मंत्री अलग-अलग जिलों में जाकर स्थानीय विधायकों, कांग्रेस नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ पैदल मार्च करेंगे. बहरहाल, राजस्थान के (Congress preparing to return to power in Rajasthan) सभी जिलों में चुनाव तक कांग्रेस पार्टी के ऐसे 10 पैदल मार्च निकाले जाएंगे. जिसमें से 6 पैदल मार्च तो एक तरह से चुनावी मार्च होगी.