विधानसभा सत्र के दूसरे दिन भी पेपर लीक मामले को लेकर हंगामा जयपुर. प्रदेश में पेपर लीक का मामला इस बार विधानसभा में जमकर गूंज रहा है. विपक्ष लगातार दो दिन से पेपर लीक केस पर गहलोत सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है. विधानसभा सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने पेपर लीक मामले को लेकर सदन में सवाल उठाया. इस बीच विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ और सदन की करवाई 10 मिनट के लिए स्थगित की गई.
डबल लॉक की चाबी में कौन सी जादूगरी :पेपर लीक केस को लेकर सदन में चर्चा शुरू हुई. पहले उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कांस्टेबल, वनरक्षक और सेकंड ग्रेड टीचर की परीक्षाओं में हुए पेपर लीक को लेकर सवाल उठाया. राठौड़ ने कहा कि ये परीक्षा उस समय हुई जब एंटी चीटिंग बिल प्रभावी हो चुका था, लेकिन कार्रवाई इस बिल के तहत नहीं की गई.
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राठौड़ ने सवाल उठाया कि आरोपियों की जमीन पर अटैक क्यों नहीं किया गया ? क्यों बिल की धाराओं के तहत जुर्माना नहीं लगाया गया ? क्यों एंटी चीटिंग बिल के तहत चालान पेश नहीं किया ? यह तमाम सवाल हैं, जिनका जवाब सरकार की तरफ से नहीं दिया जा रहा है. राठौड़ ने कहा कि रीट पेपर लीक में कई बड़े नाम सामने आए, जिन्हें दोषी मानते गिरफ्तार किया था. बाद में उन्हें बहाल कर दिया और क्लीन चिट दे दी गई. राठौड़ ने कहा कि दुर्भाग्य की बात का है कि डबल लॉक से प्रश्नपत्र चोरी होता है, इसके बाद भी जिम्मेदारी तय नहीं होती. ये तो जादूगरी हो गई.
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डाकू क्यों नहीं पकड़ा गया :नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि शिक्षा संकुल से जो पेपर आउट हुआ वो डबल लॉक में था. डबल लॉक से पेपर आउट हो गया और डबल लॉक की चाबी वाले को दोषी नहीं बनाया गया. कटारिया ने कहा कि ये व्यवस्था कैसे सुधरेगी ? कौन इसको सुधरेगा ? कटारिया ने विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि कमेटी बनाएं ताकि बच्चों को न्याय मिल सके. कटारिया ने आगे सवाल उठाते हुए कहा कि पेपर लीक में जितने भी आरोपियों को गिरफ्तार किया था, उन सभी को जमानत मिल चुकी है. डबल लॉक की चाबी का डाकू अभी भी भाग रहा है, पुलिस उसे नहीं पकड़ पाई.
हंगामे के बीच चर्चा समाप्त :विपक्ष के आरोप के बाद जब संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल जवाब देने के लिए खड़े हुए तो विपक्ष ने उनके जवाब से पहले ही जमकर हंगामा किया. विपक्ष के हंगामे के बीच धारीवाल कोई जवाब नहीं दे पाए. हंगामा बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने चर्चा को समाप्त करते हुए सदन को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया.