संसद में बजरी माफियाओं का मुद्दा जयपुर.राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार और निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद विवाद में सरकार को बजरी की कीमतों को लेकर घेरा है. उन्होंने कीमतों में कमी नहीं करने की स्थिति में कांग्रेस पार्टी को नुकसान होने का दावा किया है.
निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि राजस्थान में बजरी के लिए 480 रुपए से लेकर 650 रुपये प्रति टन वसूले जा रहे हैं. ऐसे हालात प्रदेश में आखिर बनने क्यों दे रहे हैं? क्या इसलिए कि वह ठेकेदार दोनों ही राजनीतिक पार्टियों के नजदीक है? उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में बजरी 55 रुपए टन है, गुजरात में 150 रुपए टन है, तो फिर राजस्थान में दाम आसमान क्यों छू रहे हैं? क्या बजरी की फसल खराब हो गई या बजरी पर पाला पड़ गया, जिससे बजरी की कमी हो गई.
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पार्टी को उठाना पड़ेगा नुकसान : विधायक लोढ़ा ने कहा कि प्रदेश में बिना नंबर की गाड़ियों में बैठे गुंडे ट्रैक्टर चालक पर हमला करते हैं. उसके साथ मारपीट करते हैं. उन्होंने कहा कि हालात ये हैं कि पुलिस संयम लोढ़ा के फोन से आए या नहीं आए, लेकिन बजरी माफिया के बुलाने पर सबसे पहले आती है. इसलिए मैं यह चेता रहा हूं कि अगर प्रति टन बजरी के दाम नहीं घटाए गए तो कांग्रेस पार्टी को बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि ठेकेदार हड़ताल पर हैं. कलेक्टर के पास जाकर डीएसआर बढ़ाने की बात कर रहे हैं. विधायक ने कहा कि मैं सरकार से विनती करता हूं कि इस मामले को गंभीरता से लें. उन्होंने आगे कहा कि जिस रेट पर प्रधानमंत्री आवास के मकान स्वीकृत किए गए हैं, वह मकान कैसे बनेगा? पहले तो आपने कलेक्टर को बजरी के रेट तय करने की ताकत दी, लेकिन अब बजरी को क्रेशर के तौर पर खुले बाजार में छोड़ दिया है.