जयपुर. राजस्थान में कोई भूखा ना सोए की सोच के साथ 20 अगस्त 2020 को 213 नगरीय निकायों में 358 स्थायी रसोइयां शुरू की गई थी. वर्तमान में शहरी निकायों में 1000 रसोइयां संचालित हैं. हालांकि, बीजेपी सरकार का तर्क है कि राजस्थान में वसुंधरा सरकार ने अन्नपूर्णा रसोई की वैन शुरू की थी, जिसमें महज ₹5 में भरपेट नाश्ता और ₹8 में भरपेट भोजन मिलता था, लेकिन गहलोत सरकार ने कोरोना काल में इस योजना का नाम बदलकर इंदिरा रसोई कर दिया और वैन की जगह स्थाई रसोई संचालित की.
हालांकि, अब भजनलाल सरकार ने योजना का नाम दोबारा बदलकर श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना कर दिया है, साथ ही ये तर्क भी दिया है की योजना में काफी कमियां लगातार सामने आ रही थीं, जिसे लेकर आम जनता से शिकायतें और सुझाव भी मिल रहे थे. इसी के आधार पर योजना का नाम बदलते हुए सुझावों को इंप्लीमेंट कर नए सिरे से योजना लागू की जा रही है. योजना में अब आईटी आधारित मॉनिटरिंग की जाएगी. ऑनलाईन इनवॉईस जनरेशन और ऑनलाईन भुगतान की व्यवस्था होगी. निरीक्षण के लिए मोबाईल एप का भी इस्तेमाल किया जाएगा. वहीं, रसोई संचालन में शिकायत मिलने पर पेनल्टी का भी प्रावधान रहेगा.