जयपुर.बीजेपी ने राजस्थान में अपने विधानसभा के प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी. 41 उम्मीदवारों की इस सूची में 80 फीसदी से ज्यादा प्रत्याशी बदले गए हैं. जयपुर की दो सीटों पर नाम घोषित किए गए दोनों ही सीटों पर प्रत्याशी बदले गए हैं. इसके बाद जयपुर की बाकी सीटों पर पूर्व के प्रत्याशियों की धकड़ने बढ़ हुई है कि कहीं उनका भी टिकट न कट जाए. इस बीच सिविल लाइन से पूर्व भाजपा के प्रत्याशी अरुण चतुर्वेदी ने खुलेआम अपनी पुरानी विधानसभा सीट से ही विधायक का चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है. चतुर्वेदी ने कहा कि उनकी इच्छा है कि पार्टी उन्हें उनकी उसी विधानसभा सीट से विधायक का प्रत्याशी घोषित करें, जहां से वह पूर्व में चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि चतुर्वेदी ने इसके साथ यह भी कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत इच्छा है. बाकी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जो भी निर्णय लेगा और जो भी आदेश देगा वह उसका पालन करेंगे. चतुर्वेदी ने इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए राजनीतिक लाभ के लिए सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप भी लगाया.
सीएम गहलोत कर रहे आचार संहिता का उल्लंघन :बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर राजनीतिक लाभ के लिए आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया. चतुर्वेदी ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ने 9 अक्टूबर को चुनाव की तारीखों की घोषणा की. आयोग की घोषणा के साथ प्रदेश में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई. लेकिन प्रदेश में उसी दिन देर रात तक गहलोत सरकार ट्रांसफर-पोस्टिंग के आदेश निकालते रहे. इतना ही नहीं जब आयोग ने चुनाव घोषित कर दिया उसके बाद सीएम गहलोत तीन आरपीएससी सदस्य और पांच बोर्ड समेत कई नियुक्तियां देकर अपने चहेतों को राजनीतिक लाभ देने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि सीएम गहलोत कल दिल्ली में सोनिया गांधी के घर गए, वहां वे अपने साथ अपने सचिव को लेकर गए, ये आचार संहिता का खुला उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि हम चुनाव आयोग से इसकी शिकायत करेंगे.
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