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सोशल मीडिया पर जोर पकड़ रहा राजस्थान बंद का आह्वान, जानें क्या है पूरा मामला - 15 सितंबर 2022 को राजस्थान बंद

न कोई सामाजिक संगठन और न ही कोई राजनीतिक दल, फिर भी 15 सितंबर को राजस्थान बंद का आह्वान हो रहा है. इस बार प्रदेश में गोवंश में फैली लंपी डिजीज को लेकर राजस्थान बंद का आह्वान किया जा रहा है.

15 september rajasthan band
राजस्थान बंद का आह्वान

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Published : Sep 14, 2022, 2:14 PM IST

Updated : Sep 14, 2022, 9:47 PM IST

जयपुर. लंपी वायरस को लेकर एक ओर सरकार पहले से ही हैरान और परेशान है, तो वहीं अब दूसरी ओर सोशल मीडिया पर 15 सितंबर से राजस्थान बंद के आह्वान (15 september rajasthan band news) ने सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है. बिना किसी सामाजिक या राजनीतिक संगठन के सोशल मीडिया के जरिए राजस्थान बंद का आह्वान लगातार तेजी से बढ़ रहा है. हर कोई फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप स्टेटस पर राजस्थान बंद को सफल बनाने का आह्वान कर रहा है.

ये वायरल हो रहा मेसेज- सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा मैसेज में लिखा है कि 15 सितंबर 2022 को राजस्थान बंद (rajasthan band on 15 september) किया जाए. गौ माता के लिए लंपी रोग का इलाज नहीं होने के कारण सभी भाइयों से विनती है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में यह स्टेटस लगाएं जिससे गौ माता के इलाज के लिए सरकार की तरफ से कोई ठोस कदम बढ़ाया जाए. एक स्टेटस गौ माता के नाम अति आवश्यक है.

राजस्थान बंद का आह्वान

पढ़ें- ना कोई सामाजिक संगठन, ना कोई राजनीतिक दल...फिर चल पड़ा सोशल मीडिया पर राजस्थान बंद का संदेश

शासन-प्रशासन बेखबर- बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस मैसेज ने शासन और प्रशासन की भी नींद उड़ा दी है. एक ओर सरकार पहले से ही लंपी बीमारी को रोकथाम को लेकर लगातार मैराथन बैठकों में लगी है तो वहीं अब पिछले 2 दिनों से सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे आह्वान ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. सरकार के सामने बड़ी चुनौती यह भी है कि इस बंद को समर्थन करने के लिए कोई भी मंच खुले रूप से सामने नहीं है, लेकिन बावजूद इसके हर कोई व्यक्ति अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए 15 सितंबर को राजस्थान बंद को सफल बनाने का आह्वान कर रहा है.

इससे पहले भी एट्रोसिटी एक्ट को लेकर हुआ था बंद : ऐसा नहीं है कि यह पहली बार है, जब किसी सामाजिक संगठन या राजनीतिक दल के बगैर बंद का आह्वान हुआ हो. इससे पहले भी एट्रोसिटी एक्ट में हुए बदलाव के विरोध में सामान्य वर्ग की ओर से भारत बंद का आह्वान किया गया था. खास बात यह थी कि उस वक्त भी किसी भी सामाजिक संगठन ने भारत बंद के आह्वान की जिम्मेदारी नहीं ली थी. सिर्फ और सिर्फ सोशल मीडिया के जरिए भारत बंद हुआ था. इसी तरह से इस बार भी सोशल मीडिया के जरिए ही राजस्थान बंद का आह्वान किया जा रहा है.

60 हजार गायों की मौत : बात दें कि प्रदेश में लंपी वायरस का कहर लगातार जारी है. प्रदेश में लंपी बीमारी से लाखों गायें संक्रमित हो चुकी हैं. वहीं, हजारों की मौत हो चुकी है. राज्य सरकार के आंकड़ों की बात की जाए तो यहां 65 हजार से अधिक गायें लंपी बीमारी से संक्रमित होकर (Cow Death in Rajasthan) मौत का शिकार हुई हैं. हालांकि, जानकारों को मानें तो गोवंश की लंपी बीमारी से मौत के आंकड़े एक लाख को पार हो चुके हैं. सरकार के पास दूर-दराज गांव के आंकड़े नहीं पहुंच पा रहे हैं. लंपी के रोकथाम के लिए गायों को गोट पॉक्स वैक्सीन लगाई जा रही है. साथ ही अन्य गाइडलाइन भी जारी किए गए हैं.

राजस्थान बंद के आह्वान पर कटारिया

बंद के बजाए पशुधन को बचाने में समय लगाएं: कटारिया
लालचंद कटारिया ने प्रेस से मुखातिब होते हुए कहा कि प्रदेश में लंपी वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. आज लंपी वायरस को लेकर भीलवाड़ा में समीक्षा बैठक की गई है और जो आंकड़े आए हैं उससे लगता है कि आने वाले दिनों में लंपी का संक्रमण कम होगा. वहीं सोशल मीडिया पर लंपी को लेकर 15 सितंबर को बंद का आह्वान किया है जिस पर कटारिया ने कहा कि बंद का मैसेज सोशल मीडिया व व्हाट्सएप के माध्यम से मिला है. मेरा तो इतना ही निवेदन है कि यह समय गोवंश व गौ माता को बचाने का है इसलिए हमको दलगत राजनीति से ऊपर उठकर किसी भेदभाव के बिना पशुधन को बचाना चाहिए. जितनी ताकत हम बंद में लगाएंगे उतनी ताकत हमें पशुओं को बचाने में लगानी चाहिए. मेरा तो पशु पालकों और किसान भाइयों से निवेदन है कि बंद के बजाय पशुधन को बचाने के लिए कार्य करें.

Last Updated : Sep 14, 2022, 9:47 PM IST

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