जयपुर। राजस्थान विधानसभा में आज बुधवार को प्राथमिक माध्यमिक और उच्च शिक्षा की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के विधायक अमीन खान ने भारत को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र मानने से इंकार कर दिया है. अमीन खान ने कहा कि हम इस देश को 31 अक्टूबर 1984 के बाद सेकुलर नहीं मानते, केवल वक्त गुजारते हैं. उन्होंने कहा कि अगर भारत हिंदू राष्ट्र भी हो जाएगा तो हमें कोई नहीं मारेगा क्योंकि हम हिंदू धर्म को अच्छे से जानते है. हिंदू भी दूसरे इंसान की रक्षा करेगा.
सिर्फ कागजों में है धर्मनिरपेक्षताः इसके आगे अमीन खान ने कहा की धर्मनिरपेक्षता केवल कागजों में है क्योंकि राजस्थान में हर स्कूल में एक संप्रदाय के नाम की पूजा से स्कूल का कार्यक्रम शुरू होता है. क्या यह धर्मनरपेक्ष देश की मजबूती का निशान है? उन्होंने कहा कि लोग सब जानते हैं. अगर वह बोलते नहीं है तो केवल डर के मारे नहीं बोलते. अमीन खान ने कहा कि आरएसएस के आदमी को काउंसलिंग का काम दिया गया है. वह उसमें फैसला करवाते हैं कि जहां अल्पसंख्यकों का बाहुल्य है वहां मास्टर काटे जाएं इसकी भी कांग्रेस पार्टी को निगरानी रखनी चाहिए. नहीं तो अल्पसंख्यक कमजोर पहले से हैं और ऐसे निर्णय के बाद ज्यादा मायूस हो जाएंगे. उन्होंने शिक्षा मंत्री बी डी कल्ला से अपील करी कि रेगिस्तानी इलाकों में जिस तरह से पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया ने 11 जिलों में ट्रांसफर पर बैन लगाया था, उसी तरह से मंत्रिमंडल की बैठक कर वहां से कर्मचारियों को बदलने पर पाबंदी लगाए.