जयपुर.राजस्थान में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी कमर कस चुकी है. यही वजह है कि बीजेपी के राष्ट्रीय नेताओं की नजरें अब राजस्थान पर टिक गई हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बाद अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का राजस्थान दौरा बन रहा है. इसके साथ ही जुलाई के पहले सप्ताह में पीएम नरेंद्र मोदी के जोधपुर दौरे की संभावना जताई जा रही है.
पार्टी सूत्रों की मानें तो 27 जून को उदयपुर में अमित शाह तो 29 जून को कोटा में जेपी नड्डा का दौरा हो सकता है. ये दोनों नेता दोनों संभाग में पार्टी को मजबूत करेंगे. चुनावी साल के लिहाज से शाह और नड्डा का दौरा काफी अहम माना जा रहा है.
ये बन रहा कार्यक्रमःपार्टी सूत्रों की मानें तो 27 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उदयपुर में जनसभा को संबोधित कर सकते हैं. साथ ही बूथ सम्मेलन के जरिए कार्यकर्ताओं में जान फूंकने का काम भी करेंगे. मेवाड़ के राजनीतिक समीकरण को देखें तो यहां के 6 जिलों में 28 विधानसभा सीटें हैं. 2018 के चुनाव परिणाम में मेवाड़ में बीजेपी कब्जा जमाने में कामयाब रही थी. 28 में से 15 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी. वहीं, कांग्रेस को 10 सीटों पर सतोष करना पड़ा था, जबकि 2 सीटों पर बीटीपी और एक पर निर्दलीय ने कब्जा जमाया. हालांकि उपचुनाव में इनमें से कांग्रेस ने एक सीट बीजेपी से छीन ली थी.
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मेवाड़ को लेकर बड़ी तैयारीः पहले पीएम मोदी के तीन दौरे और अब अमित शाह का दौरा ये बताने के लिए काफी हैं कि बीजेपी मेवाड़ को लेकर किस तरह से तैयारी कर रही है. प्रदेश बीजेपी के वरिष्ठ नेता गुलाबचंद कटारिया के राज्यपाल बनने के बाद बीजेपी ये तो मान रही है कि मेवाड़ राजनीति में कटारिया की कमी जरूर खलेगी. यही वजह है कि कटारिया की कमी को पूरा करने के लिए चितौड़ से आने वाले सांसद सीपी जोशी को पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष बनाया, जिससे मेवाड़ में दूसरा बड़ा फेस खड़ा किया जा सके. बीजेपी की कोशिश है कि मेवाड़ के आदिवासी बोट बैंक को मजबूत किया जाए, जो लोकसभा चुनाव में तो बीजेपी के साथ होता है, लेकिन विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ वोट करता है.
मेवाड़ के 28 विधानसभा सीटों का गणित
- मेवाड़ में 6 जिले आते हैं , जिसमे से उदयपुर जिले में 8 विधानसभा सीटें हैं. इसमें मावली, उदयपुर, उदयपुर ग्रामीण, सलूम्बर, झाड़ोल, गोगुंदा पर बीजेपी का कब्जा है. वहीं, वल्लभनगर और खेरवाड़ा सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. इसमें से वल्लभनगर पहले बीजेपी के पास थी, लेकिन बाद में हुए उपचुनाव में ये सीट कांग्रेस के खाते में चली गई.
- डूंगरपुर जिले में चार विधानसभा सीटें हैं. इसमें से डूंगरपुर कांग्रेस के पास है. वहीं, एक सीट आसपुर बीजेपी के पास है, जबकि सागवाड़ा और चौरासी बीटीपी के खाते में हैं.
- प्रतापगढ़ जिले में 2 विधानसभा सीटें हैं, यहां दोनों ही सीटें कांग्रेस के पास है.
- बांसवाड़ा जिले में 5 विधानसभा सीटें हैं. इसमें से बांसवाड़ा और बागीदौरा कांग्रेस के खाते में है, जबकि गढ़ी और घाटोल सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. वहीं, कुशलगढ़ सीट निर्दलीय के खाते में है.
- चित्तौड़गढ़ जिले में 5 विधानसभा सीटें हैं. इसमें से चित्तौड़गढ़, कपासन सीट पर बीजेपी का कब्जा है. वहीं, बेगू, बड़ीसादड़ी, निम्बाहेड़ा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है.
- राजसमंद जिले में 4 विधानसभा सीटें हैं. इसमें से भीम, नाथद्वार, कुम्भलगढ़ सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है, जबकि राजसमंद सीट पर बेजीपी का कब्जा है
कोटा में नड्डा का दौराःबीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 29 जून को कोटा दौरे पर आ सकते हैं. बताया जा रहा है कि 29 जून को भारतीय जनता पार्टी के बूथ कार्यकर्ताओं का सम्मेलन है . जिसमें हाड़ौती के चारों जिले कोटा, बारां, बूंदी और झालावाड़ से कार्यकर्ता पहुंचेंगे. साथ ही इसी दिन युवाओं से संवाद का कार्यक्रम होगा. नड्डा सम्मेलन के जरिये बूथ स्तर तक पार्टी को मजबूत करने और केंद्र सरकार की योजनाओं का अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक लाभ पहुंचे, इसके लिए कार्यकर्ताओं को निर्देश देंगे. माना जा रहा है कि बूथ सम्मेलन के जरिए नड्डा पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देंगे.
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हाड़ौती का यह है चुनावी गणितः हाड़ौती संभाग में भारतीय जनता पार्टी मजबूत स्थिति में है. हाड़ौती की 17 सीटों में से बीजेपी 10 पर और कांग्रेस का 7 सीटों पर कब्जा है. झालावाड़ जिले में चार विधानसभा सीटों में कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं है. बारां जिले में 4 सीटों में से 3 पर कांग्रेस का कब्जा है. वहीं, कोटा जिले की 6 सीटों पर 3-3 सीटों पर दोनों पार्टियों के विधायक है. इसी तरह से बूंदी की 3 सीटों में से दो पर बीजेपी और एक पर कांग्रेस विधायक काबिज है.
सीएम गहलोत के गृह जिले में आ सकते हैं पीएम मोदीः प्रधानमंत्री नरेंद्र अब अजमेर के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में सभा कर सकते हैं. पार्टी सूत्रों की मानें तो जुलाई के पहले सप्ताह में मोदी जोधपुर में कई विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण कर सकते हैं, हालांकि, अभी पीएमओं की और से अधिकारिक कार्यक्रम जारी नहीं किया गया है. जोधपुर में मोदी के संभावित दौरे को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है. सूत्रों के मुताबिक मोदी जनसभा के साथ सरकार की योजनाओं का शिलान्यास-लोकार्पण भी कर सकते हैं. इसमें जोधपुर एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन का शिलान्यास, जोधपुर रेलवे स्टेशन की नई टर्मिनल बिल्डिंग का शिलान्यास, एलिवेटेड रोड का शिलान्यास और एम्स में बनने वाले ट्रामा सेंटर का शिलान्यास प्रस्तावित है. बता दें कि जोधपुर संभाग में 33 विधानसभा सीटें हैं. 2018 के चुनाव में कांग्रेस को बीजेपी से दो सीट ज्यादा मिली थी. कांग्रेस के पास 16 सीटें थी, जबकि बीजेपी के पास 14 सीटें थी. इसी प्रकार आरएलपी ने एक और दो अन्य ने जीत हासिल की थी.