जयपुर.प्रदेश की गहलोत सरकार ने एक दिन पहले विजन 2030 का दस्तावेज जारी किया है, जिसपर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने हमला बोला है. शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वर्ष 2018 में जब सत्ता में आए, तब उन्हें यह विजन क्यों नहीं याद आया? अब चुनाव के समय ही इस विजन डॉक्यूमेंट की क्यों याद आई?. शेखावत ने कहा कि चुनाव से पहले किए गए गहलोत के सारे वादे झूठ का पुलिंदा साबित हुए हैं. अधिकारियों के साथ बंद कमरे में बैठक कर सीएम गहलोत ने अपनी विफलताओं का पुलिंदा जनता के सामने रखा है, ये सिर्फ और सिर्फ ताश पत्तों पर बना एक महल है जो कभी भी बिखर सकता है.
ताश के पत्तों का महल है :शेखावत ने कहा कि यदि गहलोत को राज्य की इतनी ही चिंता थी तो जब वे वर्ष 2018 में सीएम बने थे, तब ही विजन डॉक्यूमेंट बनाकर उसे क्यों नहीं लागू किया? उनको पूरा अवसर मिला था, उस समय विफल रहे. अब विजन के सुझाव मांगे जा रहे हैं. अपनी नाकामियों का लेखा-जोखा इकट्ठा करने के लिए विजन डॉक्यूमेंट बनाने का क्या तुक है? चुनाव के समय ऐसे विजन डॉक्यूमेंट जारी करने से उनकी मंशा पर सवाल खड़े होते हैं. चुनाव पूर्व किए गए उनके वादे झूठ का पुलिंदा साबित हुए. उनकी घोषणाएं धरातल पर नहीं उतरी. घोषणाएं पूरी नहीं होने पर ही जनता ने उन्हें पिछले चुनावों में चाहे वह वर्ष 2003 का चुनाव हो या 2013 का चुनाव हो, कुर्सी से नीचे उतारा था. इस चुनाव में भी जनता ने तय कर लिया है, अब जनता उनके झांसे में नहीं आएंगी.
बिना तैयारी के शुरू कर दिए अंग्रेजी माध्यम स्कूल :शेखावत ने कहा कि विजन डॉक्यूमेंट में अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों को लेकर राज्य सरकार ने अपनी पीठ थपथपाई है, लेकिन हकीकत यह है कि यह स्कूल आनन-फानन में बिना तैयारी के खोल दिए गए. स्कूलों के पास अपना भवन नहीं, कक्षा कक्ष नहीं, शिक्षक नहीं है. यहां तक कि एक ही कमरे में दो-दो कक्षाओं के विद्यार्थी पढ़ रहे हैं. किसी भी अंग्रेजी माध्यम स्कूल में अंग्रेजी माध्यम से पढ़े-लिखे शिक्षक नहीं हैं. शिक्षा का कम्प्यूटरीकरण का दावा भी झूठा निकला. 30 प्रतिशत स्कूलों में कंप्यूटर नहीं हैं. स्कूलों में टॉयलेट और पीने के साफ पानी की व्यवस्था नहीं है. केन्द्रीय मंत्री ने उच्च शिक्षा में बदहाली पर कहा कि गहलोत सरकार ने प्रदेश में 450 कॉलेज खोले, लेकिन किसी कॉलेज में शिक्षक का प्रबंधन नहीं किया. 10 हजार पद राजस्थान में उच्च शिक्षा में खाली हैं. युवाओं के साथ में इससे बड़ा मजाक और कुछ नहीं हो सकता. बच्चों को वादा करके भी लैपटॉप और टैबलेट नहीं दिया गया.