जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनावी में मतदाताओं ने अपना फैसला ईवीएम के हवाले कर दिया है. जनता ने किसे सत्ता की कुर्सी सौंपने चाही है, ये आगामी 3 दिसंबर को सामने आ जाएगा, लेकिन इस बीच प्रदेश की दोनों ही प्रमुख पार्टियां (भाजपा और कांग्रेस) अपनी-अपनी जीत और हार वाली सीटों के साथ ही उन सीटों पर भी कड़ी नजर रख रही हैं, जहां बागियों और निर्दलियों के कारण चुनाव त्रिकोणीय या चतुष्कोणीय मुकाबले में फंसा है.
21 सीटों पर त्रिकोणीय संघर्ष : राजस्थान की कुल 199 सीटों पर इस बार चुनाव हुए हैं. इनमें से करीब 21 सीटों पर त्रिकोणीय और तीन सीटों पर चतुष्कोणीय संघर्ष देखा जा रहा है. ऐसे में दोनों ही पार्टियों की नजर में इन सीटों की अहमियत बढ़ गई है, ताकि सत्ता की कुर्सी पर काबिज होने के लिए जोड़-तोड़ की राजनीती करनी पड़े.
इसके लिए सियासी समीकरण बनाने की कोशिशें अभी से शुरू हो गई है. अंदरखाने दोनों ही पार्टियों ने इसके लिए कवायद तेज कर दी है. दोनों पार्टियां अपने-अपने बागियों के साथ ही क्षेत्रीय दलों के नेताओं से भी संपर्क साधने में जुटी हैं.