जयपुर. राजस्थान में चुनावी बिसात पूरी तरीके से बिछ चुकी है. कांग्रेस और भाजपा दोनों ही प्रमुख पार्टियां अपने सियासी गणित को मजबूत करने में जुटी हैं. एक तरफ कांग्रेस गारंटी योजनाओं के जरिए सरकार को रिपीट करने की मंशा रख रही है, तो दूसरी तरफ भाजपा ने भी सत्ता वापसी के लिए परिवर्तन यात्राओं का सहारा लिया है. साल 2018 में पूर्वी राजस्थान से मिले झटके से बीजेपी उबरना चाहती है. यही कारण है कि पार्टी कई चुनावों से चल रही आ रही पंरपरा को तोड़ते हुए इस बार पूर्वी राजस्थान से ही परिवर्तन यात्रा का आगाज कर रही है. पूर्वी राजस्थान भाजपा के लिए इस लिए खास है, क्योंकि 2018 के चुनाव में इसी पूर्वी राजस्थान में भाजपा का कमल मुरझा गया था.
पूर्वी राजस्थान में मात्र एक सीट :साल 2018 में पूर्वी राजस्थान ने एक झटके से बीजेपी को सत्ता से बाहर कर दिया था. ये झटका इतना तगड़ा था कि इस बार पार्टी पंरपराएं तोड़ते हुए चुनावी यात्रा का आगाज पूर्वी राजस्थान से करने जा रही है. दरअसल, सचिन पायलट और अन्य चुनावी समीकरणों के चलते बीजेपी को पूर्वी राजस्थान में करारी हार का सामना करना पड़ा था. यही कारण है कि पार्टी इस बार रणथंभौर के त्रिनेत्र गणेश से पहली परिवर्तन यात्रा का आगाज कर रही है, जिसका शुभारंभ बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा करेंगे. विधानसभा सीटों के लिहाज से देखें तो बीजेपी पूर्वी राजस्थान में सबसे कमजोर स्थिति में है. पूर्वी राजस्थान के 5 में से 4 जिले तो ऐसे हैं, जहां पिछले चुनावों में बीजेपी का खाता भी नहीं खुला था. शेष एक जिले में एक मात्र सीट भाजपा के खाते में आई, लेकिन वो भी बाद में राज्यसभा चुनाव में भाजपा को छोड़ कांग्रेस के साथ हो गई.
भाजपा की पूर्वी राजस्थान पर विशेष फोकस :ऐसा नहीं है कि भाजपा ने परिवर्तन यात्रा के जरिए ही पूर्वी राजस्थान पर फोकस किया हो, इससे पहले भी इन इलाकों को साधने की कोशिश पार्टी कर चुकी है. दौसा में सभा और गुर्जर वोटों को साधने के लिए आसिंद के मालासेरी डूंगरी में भगवान देवनारायण की जन्मस्थली पर पीएम मोदी आ चुके हैं. इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी इस क्षेत्र में किसी न किसी बहाने से सभा कर चुके हैं. इतना ही नहीं ईआरसीपी के मुद्दे की मजबूत करने के लिए हाल ही में केद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी पूर्वी राजस्थान में ताबड़तोड दौरे किए हैं.