बेटे को टिकट देने के मामले में क्या बोले हरेन्द्र मिर्धा जयपुर. राजस्थान में एक और कई कांग्रेस के नेता ऐसे हैं, जो अपने बेटे-बेटियों को राजनीति में लाने के लिए अपने टिकट का बलिदान करने को तैयार हैं. इसी बीच एक ऐसे पिता भी राजस्थान कांग्रेस वार रूम में अपनी बात रखने आए, जिन्होंने अपने बेटे के टिकट पर ही सवाल खड़े कर दिए.
दरअसल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मिर्धा परिवार के वरिष्ठ सदस्य हरेंद्र मिर्धा से जब पूछा गया कि क्या आप भी अपने बेटे के लिए टिकट की पैरवी कर रहे हैं, तो उन्होंने इससे इंकार करते हुए कहा कि अभी तो पार्टी मेरे नाम पर विचार कर रही है. ऐसे में बेटे का तो कोई सवाल ही नहीं है. मिर्धा ने कहा कि मुझे पार्टी जब टिकट ऑफर कर रही है, तो अभी पुत्र कहां से? बेटे को तो अभी वैट करना पड़ेगा. उन्होंने खुद अपना उदाहरण देते हुए कहा कि मेरे पिताजी थे, तब हमने भी काफी इंतजार किया था. अब मेरे बेटे की बारी है इंतजार करने की.
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चुनाव हारने के पीछे हमारे ही नेता: हरेंद्र मिर्धा ने कहा कि जब मैं चुनाव हारा, तो उसके पीछे सबसे बड़ा कारण परिस्थितियां तो थीं ही, अपनी ही पार्टी में निपटाने वाले लोग भी थे. मिर्धा ने कहा कि इस बार निपटाने वाले व्यस्त हैं. ऐसे में पार्टी जहां से मुझे टिकट देगी, मैं चुनाव जीतूंगा. आपको बता दें कि हरेंद्र मिर्धा, रामनिवास मिर्धा के बेटे हैं, जो कभी नाथूराम मिर्धा के साथ ही नागौर की राजनीति की धूरी रहे. पूर्व मंत्री और खंडार से विधायक अशोक बैरवा के पिता का भी वह बयान इन दिनों खासा चर्चा में रहा जिसमें उन्होंने यह कहा कि अगर उनके बेटे अशोक बैरवा को टिकट दिया गया, तो वे चुनाव हारेंगे. हम उन्हें चुनाव हरवाएंगे.