जयपुर. राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज हो चुकी हैं. इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्ता परिवर्तन के लिए भाजपा ने एक बार फिर परिवर्तन यात्राओं का मार्ग तय किया है. यात्रा का शुभारंभ होने में अब महज कुछ ही दिन ही बचे हैं. ऐसे में प्रदेश पार्टी की तरफ से यात्रा की तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इस बार 18 दिन की चारों यात्राओं में कुल 72 बड़ी सभाएं प्रस्तावित हैं, जिसमें क्षेत्र की डिमांड के लिहाज से बड़े नेता को आमंत्रित किया जा रहा है. इसके लिए हर जिले से सुझाव मांगे गए हैं. खास बात है कि इन सभाओं में ज्यादातर बाहरी राज्यों के नेता संबोधित करेंगे.
नहीं होगा कोई चेहरा :सत्ता परिवर्तन के लिए बीजेपी का परिवर्तन यात्रा फार्मूला कोई नया नहीं है. साल 2002 में वसुंधरा राजे के नेतृत्व में प्रदेश की सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में यात्रा निकाली गई, जिसका परिणाम ये हुआ कि भाजपा पहली बार 100 के आंकड़े पार करती हुई 120 सीटों के पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में काबिज हुई. इसके बाद साल 2013 में भाजपा ने फिर सत्ता वापसी के लिए यात्रा निकाली, लेकिन इस बार यात्रा का नाम 'सुराज संकल्प' रखा गया और कमान पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के हाथों में ही रही. इस यात्रा का असर बड़ा हुआ. प्रदेश की सभी 200 विधानसभा सीटों पर निकली इस यात्रा को जो समर्थन मिला उसके दम पर बीजेपी ने 163 सीटों का जादुई आंकड़ा पार किया. हालांकि इस बार पार्टी ने यात्रा के फार्मूले और नेतृत्व में भी बदलाव किया है. पार्टी की तरफ से निकाली जाने वाली यात्रा का नाम भले ही परिवर्तन यात्रा रखा गया हो, लेकिन नेतृत्व किसी एक चेहरे का नहीं होगा. इतना ही नहीं इस बार यात्रा भी एक नहीं बल्कि चार रखी गई है, ताकि फेस को लेकर कोई विवाद सामने नहीं आए.
ऑन डिमांड आएंगे नेता :पार्टी ने इस बार यात्रा के स्वरूप में जो परिवर्तन किया है उसके हिसाब से ऑन डिमांड नेताओं को बुलाने की कार्य योजना बनाई जा रही है. जिस क्षेत्र में जिस नेता की डिमांड होगी उसे बड़ी सभा को संबोधित करने के लिए बुलाया जाएगा. इसके लिए पार्टी स्तर पर जिलों से नाम नेताओं के नाम मांगे गए हैं. सवाई माधोपुर त्रिनेत्र गणेश से निकलने वाली पहली यात्रा के संयोजक डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने बताया कि चारों दिशाओं से चार यात्रा निकलेगी. इन सभी यात्राओं को केंद्रीय नेतृत्व की ओर से झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा. तकरीबन 18 दिन चलने वाली इन यात्राओं में कुल 72 बड़ी सभाएं होंगी. इन सभी सभाओं में प्रदेश के कोर कमेटी के सदस्य और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के अलावा बाहरी राज्यों से भी पार्टी के नेताओं को बुलाया जा रहा है. जिलों से उनकी डिमांड मांगी गई है, जिस नेता की जहां डिमांड होगी उसे वहां भेजा जाएगा. इसके अलावा प्रदेश के बड़े नेता रोटेट होते रहेंगे. बताया जा रहा है जिन नेताओं को सभा को संबोधित करने के लिए बुलाया जा रहा है, उसमें जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों का ध्यान रखा जा रहा है ताकि आगामी चुनाव में इसका लाभ मिल सके.