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भाजपा की परिवर्तन संकल्प यात्रा का हुआ समापन, नहीं हो सका गुटबाजी का समाधान, अब भी वही सवाल बरकरार - Rajasthan Election 2023

सत्ता परिवर्तन के लिए राजस्थान भाजपा की ओर से निकाली गई चारों परिवर्तन यात्राओं का समापन हो गया. इस दौरान पार्टी ने रथों के जरिए साढ़े आठ हजार किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय किया. ऐसे में चलिए जानते हैं कि इतनी दूरी तय करने के बाद भाजपा सत्ता के कितने करीब पहुंच पाई है.

Rajasthan Assembly Election 2023
Rajasthan Assembly Election 2023

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 24, 2023, 6:16 PM IST

भाजपा के चुनाव प्रबंधन समिति संयोजक नारायण पंचारिया

जयपुर.राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के लिए प्रदेश भाजपा की ओर से चारों दिशाओं में चार यात्राएं निकाली गई थी, जिसका समापन हो गया. अब सोमवार को राजधानी जयपुर के निकट दादिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में परिवर्तन संकल्प महासभा के जरिए इन यात्राओं का सामूहिक समापन किया जाएगा. वहीं, इन यात्राओं में पार्टी आलाकमान को कई खामियां नजर आई हैं, जिसने केंद्रीय नेतृत्व की चिंताएं बढ़ा दी है. यात्राओं से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके समर्थकों की दूरी तो कहीं खाली कुर्सियां पार्टी में व्याप्त गुटबाजी को जाहिर करने के लिए काफी है. इसके इतर यात्राओं व सभाओं में भीड़ जुटाने के लिए कई जगह महिला डांसरों को बुलाया गया, जिसकों लेकर भाजपा पर दलगत हमले भी हुए. यही वजह है कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व इससे चिंतित है.

5 साल बाद रथों पर सवार, गुटबाजी ने बढ़ाई टेंशन - राजस्थान में चुनाव से पहले यात्राओं के जरिए सत्ता तक पहुंचने की रणनीति भाजपा की पहली बार नहीं है. इससे पहले भाजपा तीन यात्रा 2003, 2013 व 2018 में निकाल चुकी है. इसके बाद अब सत्ता में वापसी के लिए रथों पर सवार हुई भाजपा की यात्राएं तो पूरी हो गई, लेकिन जिस मंशा से यात्रा निकाली गई थी वो अब भी अधूरी है. दरअसल, प्रदेश स्तरीय नेताओं और कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने चार यात्राएं निकाली थी. इन यात्राओं में केंद्रीय मंत्रियों के साथ ही संगठन के बड़े नेता व कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए, यानी कुल मिलाकर पूरी ताकत झोंक दी गई. इसके बावजूद पार्टी में व्याप्त गुटबाजी ने केंद्रीय नेतृत्व की टेंशन बढ़ाने का काम किया है. यात्रा के दौरान कुछ जगहों पर ऐसे भी नजारे देखने को मिले, जहां पार्टी के नेता सभाओं में असहज दिखे. भरतपुर के निवाई, जयपुर के गोनेर, जोधपुर सहित कई जगहों पर सभाओं के दौरान कुर्सियां खाली दिखी. वहीं, अलवर, भरतपुर और हनुमानगढ़ सहित कुछ जगहों पर भीड़ को आकर्षित करने के लिए सभाओं में महिला डांसरों को बुलाया गया था.

पूर्व सीएम वसुंधरा राजे

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पैसे वसूली के भी लगे आरोप -इतना ही नहीं पार्टी में रथों पर बैठने के लिए पैसे की वसूली जैसे गंभीर आरोप भी लगे, हालांकि इन आरोपों को प्रदेश भाजपा के नेताओं ने निराधार करार दिया. इस यात्रा में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके समर्थक खुले तौर पर साथ नहीं नजर आए. पार्टी के नेता भले ही खुले तौर पर यात्राओं को सफल बता रहे हों, लेकिन पार्टी यात्राओं के समापन के बाद अब अपने स्तर पर मंथन में जुटी है.

भाजपा की परिवर्तन यात्राओं का हुआ समापन

  1. पहली यात्रा को त्रिनेत्र गणेश मंदिर से भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रवाना किया था.
  2. दूसरी यात्रा को बेणेश्वर धाम से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हरी झंडी दिखाई थी.
  3. तीसरी यात्रा को केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और चौथी यात्रा को केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हरी झंडी दिखाई थी.

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भाजपा का दावा -भले ही परिवर्तन यात्राओं में गुटबाजी या खामियां रही हो, लेकिन भाजपा इसे सार्वजनिक रूप से स्वीकारने को तैयार नहीं है. चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नारायण पंचारिया ने यात्राओं को सफल करार दिया. साथ ही उन्होंने दावा किया कि पार्टी को उम्मीद से ज्यादा जनसमर्थन मिला है. उन्होंने कहा कि जगह-जगह स्वागत के लिए उमड़ी लोगों की भीड़ यह बताने के लिए काफी है कि जनता में सत्ता परिवर्तन के लिए उत्साह है. उधर, पहली यात्रा के सह संयोजक जितेंद्र गोठवाल ने कहा कि प्रदेश में जनता सरकार बदलने का मन बना चुकी है. युवा, महिला, किसान और व्यापारी चुनाव में भाजपा के पक्ष में बटन दबाने को उत्सुक है.

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