जयपुर.राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के लिए प्रदेश भाजपा की ओर से चारों दिशाओं में चार यात्राएं निकाली गई थी, जिसका समापन हो गया. अब सोमवार को राजधानी जयपुर के निकट दादिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में परिवर्तन संकल्प महासभा के जरिए इन यात्राओं का सामूहिक समापन किया जाएगा. वहीं, इन यात्राओं में पार्टी आलाकमान को कई खामियां नजर आई हैं, जिसने केंद्रीय नेतृत्व की चिंताएं बढ़ा दी है. यात्राओं से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके समर्थकों की दूरी तो कहीं खाली कुर्सियां पार्टी में व्याप्त गुटबाजी को जाहिर करने के लिए काफी है. इसके इतर यात्राओं व सभाओं में भीड़ जुटाने के लिए कई जगह महिला डांसरों को बुलाया गया, जिसकों लेकर भाजपा पर दलगत हमले भी हुए. यही वजह है कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व इससे चिंतित है.
5 साल बाद रथों पर सवार, गुटबाजी ने बढ़ाई टेंशन - राजस्थान में चुनाव से पहले यात्राओं के जरिए सत्ता तक पहुंचने की रणनीति भाजपा की पहली बार नहीं है. इससे पहले भाजपा तीन यात्रा 2003, 2013 व 2018 में निकाल चुकी है. इसके बाद अब सत्ता में वापसी के लिए रथों पर सवार हुई भाजपा की यात्राएं तो पूरी हो गई, लेकिन जिस मंशा से यात्रा निकाली गई थी वो अब भी अधूरी है. दरअसल, प्रदेश स्तरीय नेताओं और कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने चार यात्राएं निकाली थी. इन यात्राओं में केंद्रीय मंत्रियों के साथ ही संगठन के बड़े नेता व कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए, यानी कुल मिलाकर पूरी ताकत झोंक दी गई. इसके बावजूद पार्टी में व्याप्त गुटबाजी ने केंद्रीय नेतृत्व की टेंशन बढ़ाने का काम किया है. यात्रा के दौरान कुछ जगहों पर ऐसे भी नजारे देखने को मिले, जहां पार्टी के नेता सभाओं में असहज दिखे. भरतपुर के निवाई, जयपुर के गोनेर, जोधपुर सहित कई जगहों पर सभाओं के दौरान कुर्सियां खाली दिखी. वहीं, अलवर, भरतपुर और हनुमानगढ़ सहित कुछ जगहों पर भीड़ को आकर्षित करने के लिए सभाओं में महिला डांसरों को बुलाया गया था.
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