जयपुर.राजस्थान में बीजेपी सत्ता हासिल करने के लिए जोर आजमाइश कर रही है. पार्टी प्रत्याशियों की पहली सूची कर चुकी है, लेकिन 41 प्रत्याशियों की सूची में बीजेपी ने एक भी अल्पसंख्यक को टिकट नहीं दिया. जिन सीटों पर उम्मीदवार उतारे गए हैं उनमें से पांच सीटें ऐसी हैं, जहां अल्पसंख्यक समाज अपना प्रभाव रखता है. पहली लिस्ट से मायूस अल्पसंख्यक मोर्चा ने अब आने वाली सूचियों में समाज को उचित प्रतिनिधित्व देने की मांग की है. अल्पसंख्यक मोर्चा का दावा है कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व मुस्लिम समाज के उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारता है तो कमल का फूल खिलाएंगे.
पहली सूची में हाथ लगी मायूसी :भाजपा की पहली सूची आने के बाद टिकट के दावेदारों में कई तरह की चर्चाएं हैं. कुछ विरोध कर रहे हैं तो कुछ आने वाली सूची में दावेदारों पर कयास लगा रहे हैं. इस बीच अल्पसंख्यक मोर्चा ने भी अपनी दावेदारी को ताकत दी है. पहली सूची से मायूस मोर्चा ने अगली सूचियों में समाज को उचित प्रतिनिधित्व देने की मांग उठाई है. अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष हमीद खान मेवाती ने कहा कि प्रदेश में 40 ऐसी विधानसभा सीटें हैं, जो अल्पसंख्यक बाहुल्य हैं. इन सभी सीटों पर अल्पसंख्यक मोर्चा केंद्र सरकार की योजनाओं को लेकर काम कर रहा है. कांग्रेस की मुस्लिम विरोधी नीतियों और मोदी सरकार की अल्पसंख्यक समाज के लिए किए गए कामों को जनता तक पहुंचाया जा रहा है.
अल्पसंख्यक समाज को तरजीह दें : खान ने बताया कि पहली सूची में एक भी अल्पसंख्यक समाज के दावेदार को टिकट नहीं मिला, जबकि 41 सीटों में से पांच सीटें ऐसी हैं, जहां पर अल्पसंख्यक समाज प्रभाव रखता है और अपनी दावेदारी भी कर रहा था. इनमें मंडावा, झुंझुनू, फतेहपुर, तिजारा और नगर विधानसभा सीट शामिल हैं. पार्टी ने यहां पर अल्पसंख्यक समाज को मौका नहीं दिया, फिर भी हम पार्टी के प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करेंगे. मेवाती ने कहा कि अभी भी कामां, हवामहल, कोटा उत्तर, डीडवाना, नागौर ऐसी सीटें हैं, जहां पर 50 हजार से ज्यादा मुस्लिम मतदाता हैं. अल्पसंख्यक मोर्चा पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मांग करता है कि आने वाली प्रत्याशियों की सूची में अल्पसंख्यक समाज को तरजीह दें.