जयपुर.प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. बीजेपी इस बार सत्ता परिवर्तन की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रही है. पार्टी में गुटबाजी को खत्म करने के लिए किसी को सीएम फेस नहीं बनाया गया है. इसके साथ ही परिवर्तन यात्रा में भी किसी एक नेता को नेतृत्व देने की जगह सामूहिक नेतृत्व में यात्रा निकाली जा रही है. इन सब में खास बात ये है कि पार्टी आलाकमान प्रदेश के किसी नेता से ज्यादा बाहरी राज्यों के नेताओं पर भरोसा जता रहे हैं. इसके तहत प्रदेश के सभी संभागों में बीजेपी ने 7 प्रमुख नेताओं को दायित्व सौंपा है, ये सभी बाहरी राज्यों से हैं. सभी नेता परिवर्तन यात्रा के बाद प्रदेश में मोर्चा संभालेंगे. पार्टी पहले उन कमजोर सीटों पर विशेष फोकस कर रही है, जहां पर लगातार हार मिली है या सर्वे के लिहाज से कमजोर स्थिति में है.
बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की नजरें :विधानसभाचुनाव में बहुत कम समय बचा है. ऐसे में बीजेपी पूरी ताकत के साथ मिशन राजस्थान-2023 को पूरा करने में जुट गई है. इसके तहत बीजेपी प्रदेशभर में 4 अलग-अलग स्थानों से परिवर्तन संकल्प यात्राएं निकाल रही है. 2 सितम्बर से शुरू हुई ये परिवर्तन यात्राएं राज्य के 200 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करेगी और 25 सितंबर को राजधानी जयपुर में इसका समापन बड़ी सभा के जरिए होगा. परिवर्तन यात्राओं के जरिए बीजेपी प्रदेश में सत्ता परिवर्तन की दिशा में काम कर रही है. परिवर्तन यात्रा को अधिक धार देने के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व दूसरे प्रदेशों से अपने फायर ब्रांड नेताओं को बुला रहे हैं. बताया जा रहा है कि G20 के समापन के साथ ही केंद्रीय नेताओं के आने का सिलसिला भी शुरू हो जाएगा. अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष सहित अन्य बड़े नेताओं का राजस्थान आने का प्लान बन रहा है.
कमजोर सीटों के लिए रणनीति :विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. पार्टी उन सीटों पर भी विशेष फोकस कर रही है, जहां पर बीजेपी या तो लगातार हारती आ रही है या सर्वे के लिहाज से ज्यादा ही कमजोर स्थिति में है. 19 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां पार्टी लगातार हार रही है, जिसमें सरदारपुरा, लक्ष्मणगढ़, सपोटरा, सिकराय, टोडाभीम, बाड़ी, वल्लभनगर, बागीदौरा, बस्सी, दांतारामगढ़, कोटपूतली, झुंझुनू, सांचौर, बाड़मेर शहर, फतेहपुर, खेतड़ी, लालसोट, नवलगढ़, राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ शामिल हैं.
उम्मीदवार बनाने की रणनीति पर काम:बीजेपी ने इन 19 सीटों के लिए विशेष रणनीति तैयार की है. इन सीटों पर भी दूसरे राज्यों के विधायकों को भेजा जा रहा है, जो जिताऊ उम्मीदवार का चयन करने के साथ क्षेत्र में पार्टी के लिए माहौल बनाएंगे. इसके अलावा पार्टी ने अपने सर्वे में 21 विधानसभा सीटों को भी चिह्नित किया है, जो मौजूदा स्थिति में कमजोर हैं. यहां पर पार्टी एक भी चूक करती है तो हारने की संभावना बढ़ जाती है. इन सीटों के लिए भी पार्टी विशेष फोकस कर रही है. बताया जा रहा है कि पार्टी के लिहाज से कमजोर और चुनौती वाली सीटों पर पार्टी अपने सांसदों को भी उम्मीदवार बनाने की रणनीति पर काम कर रही है.