संविदा कैडर में शामिल करने की मांग को लेकर हड़ताल जारी जयपुर.संविदा कैडर में शामिल नहीं किए जाने तक एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल जारी रहेगी. हड़ताल के 13वें दिन एंबुलेंस यूनियन ने ये चेतावनी दी है. उन्होंने ठेका कंपनी की ओर से की जा रही नई भर्ती के दावे को हवाबाजी बताया. साथ ही कहा कि इतने कम वेतन में काम करने के लिए कोई तैयार नहीं है. सरकार ने एंबुलेंस संचालन को लेकर जीवीके कंपनी को नोटिस भी दिया है.
अल्प वेतन में काम कर रहे कर्मी : प्रदेश में एंबुलेंस कर्मी 1 सितम्बर से कार्य का बहिष्कार कर धरने पर बैठे हुए हैं. इन कर्मचारियों की मांग है कि ठेका प्रथा खत्म कर एंबुलेंस कर्मियों को संविदा कैडर में शामिल कर स्थाई करें. एंबुलेंस कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सूजाराम सारण ने बताया कि एंबुलेंस कर्मचारी 2008 से लगातार अल्प वेतन में काम कर रहे हैं. यही नहीं सेवा प्रदाता कंपनियों की ओर से विभिन्न प्रकार की पेनल्टीज लगाकर शोषण किया जाता है, जिससे महंगाई के इस दौर में एम्बुलेंस कर्मियों के परिवार का भरण पोषण भी नहीं हो रहा है.
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कार्य बहिष्कार जारीःकर्मचारियों ने अपनी मांग सरकार तक पहुंचाने का काम किया. उन्होंने कहा कि बीते साल जो प्रोटेस्ट किया गया था उसे एनएचएम एमडी की ओर से मिले आश्वासन के बाद खत्म किया गया था. बावजूद इसके 2023 की शुरुआत में भारत सरकार की ओर से प्लेसमेंट एजेंसी में काम करने वाले कर्मचारियों की जो सूचना मांगी गई. उसमें एंबुलेंस कर्मचारियों की सूचना कार्मिक विभाग की ओर से नहीं भेजी गई. इससे हताश एंबुलेंस कर्मचारियों ने अपने आंदोलन को तेज करते हुए पहले काली पट्टी बांधकर विरोध किया. फिर सरकार की ओर से किसी तरह की वार्ता या सुनवाई नहीं होने के कारण कार्य बहिष्कार किया गया, जो कि अभी भी जारी है.
उन्होंने कहा कि पुलिस की ओर से यूनियन के पदाधिकारियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. धरना स्थल से सभी कर्मचारियों को बसों में भरकर बाहर भेजा गया. इसके बाद भी आंदोलन खत्म नहीं हुआ है. वहीं, जीवीके कंपनी की ओर से नई भर्तियां करने के दावे पर सारण ने कहा कि इतने अल्प वेतन में काम करने के लिए कोई तैयार नहीं हो रहा है. अब सरकार ने जीवीके कंपनी को एंबुलेंस संचालन के लिए नोटिस भी जारी किया है.