जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने करौली में हिंदू नववर्ष के दौरान जुलूस पर पथराव करने के बाद हुए दंगे के मामले में ग्रेटर नगर निगम सौम्या गुर्जर के पति और पूर्व सभापति राजाराम गुर्जर व एक अन्य को अग्रिम जमानत का लाभ दिया (Rajaram Gurjar gets anticipatory bail) है. जस्टिस उमाशंकर व्यास की एकलपीठ ने यह आदेश राजाराम व अन्य की अग्रिम जमानत याचिकाओं को स्वीकार करते हुए दिए.
राजाराम की ओर से जमानत याचिका में अधिवक्ता विजय यादव व मुकेश डूडी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता को राजनीतिक द्वेषता के चलते आरोपी बनाया गया है. जबकि घटना में न तो उसका कोई रोल था और ना ही वह मौके पर मौजूद था. पुलिस के पास घटना को लेकर वीडियोग्राफी मौजूद है, जिसमें कहीं भी याचिकाकर्ता की उपस्थिति नजर नहीं आ रही है. इसके अलावा पुलिस ने स्वयं एफआईआर दर्ज की है और उसमें शांतिपूर्ण तरीके से हिंदू जुलूस निकलने का हवाला दिया गया है.