जयपुर. उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से शुक्रवार को अरावली सभागृह में वेंडर मीट का आयोजन किया गया. मीट का शुभारंभ रेलवे बोर्ड सदस्य ओपी खरे, जयपुर डीआरएम मंजूषा जैन और नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे के एजीएम एमके गुप्ता ने किया. वेंडर मीट के आयोजन का मुख्य उद्देश्य विक्रेता को रेलवे की सप्लाई चैन से परिचित कराना, रेलवे द्वारा खरीदी जा रही विभिन्न आइटम्स का प्रदर्शन और संबंधित सूचनाओं के माध्यम से वेंडर्स को अवगत कराना था. इसके अतिरिक्त रेलवे में वेंडर अप्रूवल की प्रक्रिया, नियम, विधि और वेंडर डवलपमेंट में आने वाले इश्यूज की जानकारी भी दी गई. वेंडर मीट में रेलवे में उपयोग लिए जा रहे सामान का 100 से अधिक स्टॉल लगाकर प्रदर्शन किया गया.
300 से ज्यादा फर्म सम्मलित हुई वेंडर मीट में नए सिस्टम की शुरूआत
इस मौके पर रेलवे बोर्ड के एएम ओपी खरे ने कहा कि चिंता की बात है कि कई आइटम ऐसे हैं जिनके लिए तीन या तीन से कम वेंडर उपलब्ध है. वेंडर्स मीट का मुख्य उद्देश्य यह भी है कि अधिक से अधिक वेंडर्स को रेलवे से जोड़ा जाए. वर्तमान में रेलवे पर 1.20 लाख वेंडर आईआरईपीएस के माध्यम से रजिस्टर्ड है. रेलवे में चार लाख टेंडर प्रतिवर्ष इसके माध्यम से खोले जाते हैं. इस दौरान कार्यक्रम में वेंडर्स के लिए मोबाइल एप रेलवे स्टोर्स वेंडर गाइडेंस सिस्टम का भी शुभारंभ किया गया.
कारोबार बढ़ाने का प्रयास
जयपुर डीआरएम मंजूषा जैन ने कहा कि पिछले 70 दशक में पूरे देश में ट्रांसपोर्ट का कारोबार जिस गति से बढ़ रहा है। उस हिसाब से रेलवे का कारोबार नहीं बढ़ रहा. रेलवे प्रशासन लगातार कोशिश कर रहा है कि कारोबार की दर 12 से 14 फ़ीसदी की गति से बढ़े.
अभी वेंडर्स की संख्या कम
उत्तर पश्चिम रेलवे के एजीएम एमके गुप्ता ने कहा कि राजस्थान में रेलवे को सामग्री आपूर्ति करने वाले वेंडर्स की संख्या बहुत कम है. इस क्षेत्र में छोटे स्थानों के वेंडर्स को भी जोड़े जाने की आवश्यकता है। रेलवे में खरीद प्रक्रिया ऑनलाइन होने से पूरी तरह पारदर्शी है.