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जयपुर में आज राहुल गांधी करेंगे गांधी वाटिका का लोकार्पण, मल्लिकार्जुन खड़गे भी होंगे शामिल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी आज राजधानी जयपुर में बनकर तैयार गांधी वाटिका का लोकार्पण करेंगे. इस कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ ही गांधी परिवार से तुषार गांधी शामिल होंगे.

Gandhi Vatika will be inaugurated in Jaipur
Gandhi Vatika will be inaugurated in Jaipur

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 22, 2023, 11:53 PM IST

Updated : Sep 23, 2023, 6:20 AM IST

जयपुर.राजस्थान सरकार की पहल पर राजधानी जयपुर में बनकर तैयार गांधी वाटिका का शनिवार को सांसद राहुल गांधी लोकार्पण करेंगे. इस कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ ही गांधी परिवार से तुषार गांधी शामिल होंगे. वहीं, गांधी वाटिका के तीन दिवसीय इनॉग्रल फंक्शन की शुरुआत गुरुवार से ही हो गई है. गांधी वाटिका से संबंधित जानकारी व लोकार्पण की तैयारियों पर गांधी विचारक कुमार प्रशांत ने कहा कि सभी तैयारियां हो चुकी हैं.

शोध व विषय वस्तु के आधार पर बना भवन का नक्शा -कुमार प्रशांत ने बताया कि इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि राहुल गांधी शामिल होंगे. इस दौरान उनके साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, गांधी परिवार से तुषार गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मौजूद रहेंगे. उन्होंने बताया कि गांधी वाटिका में गांधी विचारकों की ओर से किए गए शोध व तैयार की गई विषय वस्तु के आधार पर भवन का नक्शा बनाया गया है. विभिन्न स्थानीय साधनों के इस्तेमाल से इस वाटिका को साकार रूप दिया गया है. उन्होंने बताया कि डिजिटल और नवीन तकनीक पर आधारित गांधी वाटिका के तीन हिस्से महत्वपूर्ण है. ग्राउंड फ्लोर पर अंग्रेजों के भारत आगमन से लेकर गांधी जी के दक्षिण अफ्रीका प्रवास तक को अंकित किया गया है. इसे पांच खंडों में बांटा गया है. वैभव की रोशनी गुलामी का अंधेरा, आजादी की आहट, 1857 की बगावत और घबराए अंग्रेज, गांधी: एक बड़े आदमी की छोटी सी कहानी, दक्षिण अफ्रीका गांधी के अनुभव और उनका आंतरिक परिवर्तन. वहीं, बीच की मंजिल पर गांधी जी के भारत में अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलनों और उनके दर्शन को समेटा गया है. इसे पांच खंडों में बांटा गया है. स्वदेश आगमन, गांधीमय हुआ देश, 1942 अंग्रेजों भारत छोड़ो, भारत को चुनौती देती सांप्रदायिक ताकतें, आखिरी दिन: आखिरी प्रयोग शामिल है.

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ऊपरी मंजिल पर मौजूद होंगी ये सुविधाएं -ऊपरी मंजिल पर एक विशेष पुस्तकालय, सेमिनार हॉल और एक कॉन्फ्रेंस कक्ष मिलेगा. यहां भी तीन खंड बनाए गए हैं. इसमें राजस्थान ने पकड़ी गांधी की राह, गांधी: अपने आइने में मैं, गांधी जी के सपनों का संसार शामिल है. कुमार प्रशांत ने बताया कि गांधी जी राजस्थान में सिर्फ तीन बार आए थे और तीनों बार अजमेर के रास्ते से वो आए और यहीं से ही पूरे राजस्थान में आजादी का आंदोलन शुरू किया था. ऐसे में उन दृश्यों को भी यहां उकेरा गया है. साथ ही महात्मा गांधी से जुड़े लोगों की जानकारी, घटनाएं, महात्मा गांधी खुद अपने बारे में क्या सोचते थे, खुद का मूल्यांकन कैसे करते थे, उसकी जानकारी भी यहां प्रदर्शित की जाएगी. वहीं, मेरे सपनों का भारत किताब के अनुसार 'गांधी जी' की कल्पना ग्राम स्वराज, आधुनिक गांव और गांधी के आगे गांधी की कल्पना को समझने की कोशिश की गई है.

भारत और इंडिया की बहस पर कही ये बात -वहीं, बीते दिनों देश में छिड़ी भारत और इंडिया की बहस पर उन्होंने कहा कि खाली बर्तन टकराते रहते हैं. ठीक उसी प्रकार खाली दिमाग में भी ऐसी ही बातें आती हैं. उन्होंने कहा कि जिनके दिमाग भरे होते हैं, उनके सामने चुनौती कुछ और ही होती है. जिसमें देश को एक रखना, बेरोजगारी खत्म करना और महंगाई पर लगाम अहम चुनौतियां हैं. ये सारे सवाल वो हैं, जिन पर काम हुआ तो भारत और इंडिया दोनों की सारी समस्याएं ही हल हो जाएंगी. आगे उन्होंने कहा कि गांधी जी को उसने मारा जो उनसे सहमत नहीं था, लेकिन क्या ऐसा समाज बनाना है कि जिससे सहमत न हो उसको गोली मार दें.

बिना नाम लिए कसा तंज -कुमार प्रशांत ने कहा कि हम किसी से भी सहमत या असहमत हो सकते हैं, फिर भी हम साथ-साथ में रहते हैं और ऐसे ही रहना भी चाहिए. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जो लोग ये मानते हैं कि असहमत लोगों को रहने का अधिकार नहीं है, वो लोग हैं जो कांग्रेस मुक्त भारत की बात कहते हैं. जहां तक G20 में उस विचारधारा वालों का राजघाट पर पहुंचने की बात है तो ये विचारधारा नहीं, ये सिंबॉलिज्म है. इन दोनों में बहुत बड़ा अंतर है. प्रतीक तो कुछ भी मान सकते हैं, लेकिन प्रतिबद्धता तब होती है, जब उस प्रतीक को आगे बढ़ाते हैं. बीच-बीच में अपने आप को सही जगह रखने की कोशिश करनी पड़ती है. ये सिर्फ वही कर रहे हैं.

Last Updated : Sep 23, 2023, 6:20 AM IST

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