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शपथ ग्रहण से पहले भजनलाल की टीम पर सवाल, डोटासरा ने एक्स पर पोस्ट कर मांगा जवाब - उपमुख्यमंत्री का कोई संवैधानिक पद नहीं

Govind Singh Dotasara attack on Bhajanlal, राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने शुक्रवार को राजधानी जयपुर में होने वाले नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह के निमंत्रण पर सवाल उठाया है. डोटासरा ने सरकारी निमंत्रण में मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री के शब्द का जिक्र संवैधानिक शब्दावली के विरुद्ध बताया है.

Govind Singh Dotasara attack on Bhajanlal
Govind Singh Dotasara attack on Bhajanlal

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 14, 2023, 3:41 PM IST

जयपुर.प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने जयपुर में भाजपा सरकार के गठन की पहली सीढ़ी पर ही सियासी सवाल खड़ा कर दिया है. जयपुर के अल्बर्ट हॉल में भाजपा की जीत के बाद विधायक दल के नेता के रूप में सांगानेर से निर्वाचित विधानसभा सदस्य भजनलाल शर्मा मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. इस बारे में राजभवन की सूचना के बाद सरकारी स्तर पर निमंत्रण पत्र व विज्ञापन भी जारी किए गए हैं. इस सूचना में मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री के रूप में विद्याधर नगर विधायक दीया कुमारी और दूदू विधायक प्रेमचंद बैरवा के शपथ ग्रहण को लेकर विपक्षी कांग्रेस के प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा ने अब सवाल खड़ा किया है.

राज्य में उपमुख्यमंत्री का कोई संवैधानिक पद नहीं :सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने आधिकारिक अकाउंट पर एक पोस्ट में डोटासरा ने लिखा, ''कल होने वाले कार्यक्रम के सरकारी निमंत्रण में मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण का विवरण लिखा गया है, जबकि संविधान की धारा 163 व 164 में ऐसे किसी पद की शपथ का विवरण नहीं है. जाहिर है कि राज्य में उपमुख्यमंत्री का कोई संवैधानिक पद नहीं होता है.''

डोटासरा का ट्वीट

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पहले भी बने हैं उपमुख्यमंत्री :अशोक गहलोत सरकार के तीसरे कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह रामनिवास बाग के अल्बर्ट हॉल के बाहर ही हुआ था. इस दौरान गहलोत के साथ सचिन पायलट ने भी उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, लेकिन सरकारी निमंत्रण में इसका कोई जिक्र नहीं था. जाहिर है कि उपमुख्यमंत्री को लेकर कोई संवैधानिक मान्यता नहीं होती है. हालांकि, राजनीतिक लाभ के नजरिए से पार्टियां अपने नेताओं का कद बढ़ाने को उन्हें डिप्टी सीएम के रूप में नियुक्त करती हैं. इसके पहले अपने प्रथम कार्यकाल में अशोक गहलोत ने द्वारका प्रसाद बैरवा और कमला बेनीवाल को भी उपमुख्यमंत्री बनाया था. वहीं, भैरोंसिंह शेखावत के कार्यकाल के दौरान भी हरिशंकर भाभड़ा उपमुख्यमंत्री बने थे.

पायलट की शपथ पर भी उठे थे सवाल : गहलोत के पिछले कार्यकाल के दौरान सचिन पायलट के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लिए जाने पर भी सवाल उठे थे. साथ ही शपथ के दौरान उपमुख्यमंत्री शब्द के इस्तेमाल को गैर संवैधानिक बताया गया था.

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