जयपुर. भारतीय निर्वाचन आयोग की टीम ने राजस्थान के पाली जिले में ईवीएम से वीवीपैट पर्चियों का मिलान किया. जहां पर दो मशीन में एक-एक पर्ची का अंतर सामने आया. इसी प्रकार देश भर में सवा करोड़ मतों की चेकिंग में 51 मतों का अंतर सामने आया है. भारतीय निर्वाचन आयोग के आयुक्त सुशील चंद्रा ने यह जानकारी दी.
भारतीय निर्वाचन आयोग के आयुक्त सुशील चंद्रा पहुंचे जयपुर आयुक्त सुशील चंद्रा और उप निर्वाचन आयुक्त उमेश सिन्हा ने गुरुवार को एक होटल में निर्वाचन विभाग के अधिकारियों के साथ में बैठक की. जिसमें चंद्रा ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग लोकतांत्रिक प्रणाली की अहम चुनाव की प्रक्रिया को फूल प्रूफ बनाने में जुटा है. देश भर में 10 लाख 65 हजार पोलिंग बूथ में वीवीपैट का उपयोग किया गया है. इसके तहत रेंडमली ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों का मिलान किया गया है.
जिनमें सवा करोड़ मतों की चेकिंग की गई. इनके मिलान में 51 मतों का अंतर सामने आया है. वहीं राजस्थान में दो जगहों पर एक-एक वोट का अंतर पाया गया है.
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बैठक में सबसे ज्यादा फोकस इलेक्टरल रोल को 100 फीसदी शुद्ध बनाए जाने पर है. चंद्रा ने कहा कि जन जागरूकता अभियान के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वोटर का नाम एक ही जगह पर हो. इलेक्टरल रोल के जरिए देश भर में राजस्थान के काम की तारीफ की गई है. राजस्थान पूरे देश में रोल मॉडल के रूप में भी सामने आया हैं. उन्होंने कहा कि मतदाताओं को खासतौर से महिलाओं को जोड़ने के लिए भी विशेष अभियान चलाए जाएंगे.
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हालांकि चंद्रा ने पिछले लोकसभा चुनाव में महिलाओं की भागीदारी पर कहा कि देश की चुनाव में महिलाओं ने बराबरी की भागीदारी निभाई है, यह अच्छा संकेत हैं. लोकतंत्र के इस महापर्व में सभी को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए. चंद्रा ने विपक्ष और सामाजिक संगठनों द्वारा ईवीएम की विश्वसनीयता पर उठाए गए सवालों पर कहा कि ईवीएम पूरी तरीके से सुरक्षित है. इसमें किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं की जा सकती है. जो आरोप लग रहे थे, उसके बीच ही सवा सौ करोड़ से अधिक पर्चियों का मिलान किया गया है.
इनमें साफ हो गया है कि ईवीएम में किसी तरह की छेड़खानी नहीं की जा सकती है और न ही की गई है. दरअसल, इस बार भारत निर्वाचन आयोग ने देशभर में हुए लोकसभा चुनाव में पहली बार ईवीएम और वीवीपैट का इस्तेमाल किया था. इसके बाद अब ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों का मिलान किया जा रहा है. ताकि जो ईवीएम की विश्वसनीयता को जांचा जा सके.