जयपुर. स्वायत्त शासन विभाग ने निकाय प्रमुखों के निर्वाचन के नियमों में प्रावधान को लेकर अधिसूचना जारी की है. जिसके तहत जो निकाय प्रमुख जिस रीति से चुना गया है उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने और उसकी मृत्यु होने के बाद उसी रीति से उपचुनाव होगा.
बता दें कि प्रदेश में नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका के मेयर, सभापति और अध्यक्षों के चुनाव पार्षदों की जगह सीधे मतदाता करेंगे. कांग्रेस ने सत्ता में आते ही नगर निकायों में पार्षदों के जरिए चेयरमेन के चुनाव की व्यवस्था में परिवर्तन किया है. हालांकि राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी करते हुए यह साफ कर दिया कि निकाय प्रमुख जिस रीति से चुना गया उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने और उसकी मृत्यु होने के बाद उसी रीति से उपचुनाव होगा.