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अलवर सामूहिक दुष्कर्म के विरोध में भाजपा का प्रदर्शन, केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भी हुए शामिल

अलवर के थानागाजी सामूहिक दुष्कर्म मामले में अब सरकार चारों तरफ से विरोधियों से घिरती दिखाई दे रही है. सरकार पर मामले को दबाने के आरोप में भाजपा ने सभी जिला मुख्यालयों पर उग्र प्रदर्शन करते हुए सीएम गहलोत से इस्तीफे की मांग की.

भाजपा की ओर से विरोध प्रदर्शन

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Published : May 9, 2019, 4:02 PM IST

जयपुर. अलवर के थानागाजी सामूहिक दुष्कर्म मामले ने सियासी तूल पकड़ लिया है. भाजपा ने गुरुवार को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय में इस घटना को लेकर उग्र प्रदर्शन कर कलेक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा. जयपुर के कलेक्टर सर्किल में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी के नेतृत्व में यह विरोध प्रदर्शन हुआ. जिसमें शहर से आने वाले मौजूदा और पूर्व विधायकों के साथ ही केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भी शामिल हुए. इस दौरान भाजपा विधायक ने तो राजस्थान को बलात्कारी प्रदेश तक करार दे दिया.

पहले सभा फिर रैली के रूप में पहुंचे कलेक्ट्रेट

अलवर के थानागाजी में युवती के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले को सियासी मुद्दा बनाते हुए गुरुवार को भाजपा ने सभी जिला मुख्यालयों पर जोरदार प्रदर्शन किया. जयपुर के कलेक्ट्रेट सर्किल पर जयपुर शहर भाजपा की ओर से यह विरोध प्रदर्शन किया गया. यहां पहले सभा हुई जिसमें भाजपा नेताओं ने अपने बयानों में गहलोत सरकार को कटघरे में खड़ा किया और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इस्तीफे की मांग भी की और उसके बाद यह तमाम नेता रैली के रूप में कलेक्ट्रेट कार्यालय के मुख्य गेट पर पहुंचे. इसके बाद कलेक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया. सामूहिक दुष्कर्म की घटना बेहद निंदनीय है लेकिन भाजपा विधायक अशोक लाहोटी के बयान ने तो राजस्थान को ही शर्मसार कर दिया. लाहोटी ने इस घटना को लेकर कहा कि अब राजस्थान ही बलात्कारी प्रदेश बन चुका है.

भाजपा की ओर से विरोध प्रदर्शन

गहलोत इस्तीफा दें : भाजपा

विरोध प्रदर्शन के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी, विधायक दल के उपनेता राजेंद्र राठौड़, विधायक वासुदेव देवनानी, नरपत सिंह राजवी, निर्मल कुमावत, अशोक लाहोटी, पूर्व विधायक राजपाल सिंह शेखावत, सुरेंद्र पारीक, कैलाश वर्मा और वित्त आयोग की पूर्व चेयरमैन ज्योति किरण शुक्ला सहित कई कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान वक्ताओं ने प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए गहलोत सरकार को आड़े हाथ लिया और उनसे इस्तीफे की मांग की.

सामूहिक दुष्कर्म का यह मामला तब सुर्खियों में आया जब प्रदेश में 25 सीटों पर मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी लेकिन देश के कुछ प्रदेशों में आगामी चरणों के चुनाव बाकी हैं. ऐसे में भाजपा चाहती है कि इस गंभीर विषय को सुर्खियों में रखकर प्रदेश की मौजूदा गहलोत सरकार पर सियासी दबाव बनाया जा सके ताकि इसका राजनीतिक फायदा भाजपा को अन्य प्रदेशों में होने वाले मतदान के दौरान मिल सके.

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