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क्षत्रिय समाज को रूढ़िवादी परंपरा से ऊपर उठना होगा: पूर्व राष्ट्रपति

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा राजस्थान की ओर से बिरला सभागार में मंगलवार को क्षत्राणी गांव के अध्यक्षों और पदाधिकारियों का शपथ ग्रहण और प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जहां कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के साथ ही कई अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद रहे.

पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, Former President Pratibha Patil

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Published : Nov 12, 2019, 10:21 PM IST

जयपुर. अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा राजस्थान की ओर से बिरला सभागार में मंगलवार को क्षत्राणी गांव के अध्यक्षों और पदाधिकारियों का शपथ ग्रहण और प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जहां कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल रही. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, कांग्रेस मुख्य सचेतक महेश जोशी, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास सहित समाज के कई गणमान्य अतिथि मौजूद रहे.

राजधानी के बिरला सभागार में क्षत्रिय समाज के कार्यक्रम का आयोजन

कार्यक्रम में अलग अलग जिलों से लगभग तीन हजार क्षत्राणीयां मौजूद रही. साथ ही कार्यक्रम में क्षत्राणी पदाधिकारियों को स्वाभिमान स्वालंबन संस्कार और नेतृत्व का प्रशिक्षण दिया गया. इसी के साथ महासभा की ओर से कई प्रस्ताव भी रखे गए. जिनमें पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को पहली महिला राष्ट्रपति होने के चलते भारत रत्न से सम्मानित किए जाने के प्रस्ताव सहित राजस्थान सरकार की ओर से ईडब्ल्यूएस आरक्षण में सरलीकरण करने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ध्यानवाद देने का प्रस्ताव शामिल किया गया.

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इसी के साथ पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने मंच से शपथ दिलवाई कि समाज में जन्म, मरण और परण पर शराब का सेवन बंद करेंगे. साथ ही दहेज लेन-देन की परंपरा को भी बंद करेंगे. पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने अपने संबोधन में कहा कि इतनी बहनों को देखकर मेरे अंदर एक ऊर्जा आ गई है. इतनी बहने घर की दीवारों से बाहर निकलकर समाज में बदलाव लाने के लिए निकली है.

उन्होंने आगे बताते हुए कहा कि समाज में शराब का सेवन बुरी प्रथा है, इसे खत्म करने की जरूरत है. समाज के कई आयोजनों में शराब का सेवन होता है जिससे ना केवल इंसान टूटता है बल्कि पूरा घर परिवार उजड़ जाता है. उन्होंने कहा कि राजपूत समाज की महिलाओं को खुद के लिए ही नहीं बल्कि सभी पिछड़ी जातियों की महिलाओं के लिए भी लड़ना होगा. राजपूत एक जाति नहीं, भावना है उसे आगे लेकर बढ़ना होगा. वहीं, महिलाओं को खुद को पुरुषों की जूती समझना बंद करना होगा. दहेज प्रथा और भ्रूण हत्या पर जागृति लानी चाहिए.

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इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मंच से संबोधित करते हुए कार्यक्रम की सराहना की. साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा सौभाग्य रहा है कि मेरे कार्यकाल में मुझे पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के साथ काम करने का मौका मिला. इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि महिला कमजोर नहीं है. जब इतनी सारी महिलाएं क्षेत्र और गांवों में जाएगी तो एक अलग ही अलख पैदा करेगी, जिससे समाज आगे बढ़ेगा.

क्षत्राणी ही समाज को आगे बढ़ाने का काम करेगी. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि महिलाओं का काम मुश्किल है, उसको मर्यादा में रहकर काम करना पड़ता है. लेकिन अगर महिला मर्यादा में रहकर काम करेगी और अपने पैरों पर खड़ी होकर अपनी आवाज बुलंद करेगी तो महिला भी किसी से कम नहीं होगी और महिला ही समाज मे मजबूती प्रदान करती है. राजे ने कहा कि मोदी सरकार 14 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण लेकर आई लेकिन राजस्थान में इसको सरलीकरण करते हुए लोगों को राहत दी है जो एक अच्छा कार्य है.

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