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राजस्थान में डिप्टी सीएम की शपथ को लेकर गरमाई सियासत, डोटासरा के बयान पर पूनिया का पलटवार, कहा- कौन सा संविधान पढ़ कर आए हैं ?

Politics heats up over Deputy CM in Rajasthan, राजस्थान में दो उपमुख्यमंत्रियों की शपथ को लेकर सियासत गरमा गई है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने उपमुख्यमंत्री के नाम पर होने वाले शपथ ग्रहण समारोह पर सवाल उठाए तो पूर्व उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने डोटासरा के बयान पर पलटवार किया.

Politics heats up over Deputy CM in Rajasthan
Politics heats up over Deputy CM in Rajasthan

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 14, 2023, 6:36 PM IST

पूर्व उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया

जयपुर.राजस्थान में शुक्रवार को सीएम और डिप्टी सीएम शपथ लेने जा रहे हैं. मुख्यमंत्री के रूप में भाजपा विधायक दल के नेता भजनलाल शर्मा और उपमुख्यमंत्री के तौर पर दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा शपथ लेंगे. इस शपथ ग्रहण समारोह को लेकर सरकारी निमंत्रण दिए जा रहे हैं, लेकिन अब इस निमंत्रण में उपमुख्यमंत्री के नाम को शामिल किए जाने को लेकर सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस ने उपमुख्यमंत्री पद को असंवैधानिक बताते हुए सरकारी निमंत्रण में लिखे डिप्टी सीएमों के नाम पर आपत्ति दर्ज कराई है. वहीं, कांग्रेस की इस आपत्ति पर भाजपा की ओर से पलटवार किया गया और कहा गया कि डोटासरा न जाने कौन सा संविधान पढ़कर आए हैं. हर पार्टी की अपनी परिपाटी होती है. इसमें कोई संविधान का उल्लंघन नहीं है.

कांग्रेस की आपत्ति पर भाजपा का पलटवार :पूर्व उपनेता प्रतिपक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने डोटासरा की आपत्ति पर पलटवार करते हुए कहा, ''अब पता नहीं की पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा कौन सा संविधान पढ़ कर आए हैं ? जबकि उनके यहां भी प्रदेशों में शपथ ग्रहण होता है. वहां की अपनी अपनी परिपाटी होती है, मुझे नहीं लगता कि कहीं संविधान की रेखाओं का उल्लंघन हुआ है. खैर, उन्हें बयान देने और अपनी निराशा को व्यक्त करने का पूरा अधिकार है, जिसका स्वागत है, लेकिन जिसे वो मुद्दा बना रहे हैं, वो पूरी तरह से तर्क से परे हैं.''

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पूर्ववर्ती सरकार पर साधा निशाना :इसके साथ पूनिया ने शपथ ग्रहण समारोह को लेकर कहा, ''प्रदेश की जनता का बहुत धन्यवाद है, जिन्होंने पार्टी को जन समर्थन दिया. इसके साथ ही कार्यकर्ताओं के परिश्रम का भी आभार है.'' पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर कहा, ''एक सामान्य कार्य करता को मुख्यमंत्री बनने का अवसर दिया गया. पूरे प्रदेश में उत्साह है. कल एक भव्य और एक ऐतिहासिक कार्यक्रम होगा. पूरे प्रदेशभर के और बहुत जमीनी कार्यकर्ता इसमें शामिल होंगे.'' आगे उन्होंने कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा, ''भाजपा के सामने बड़ी बड़ी चुनौती है, क्योंकि कांग्रेस ने जो बिगड़ा है उसे भी पटरी पर लाना है. आज राजस्थान पर भारी कर्ज है. साथ ही कानून व्यवस्था को भी हम अविलंब दुरुस्त करने का काम करेंगे.''

डोटासरा ने ये लिखा :बता दें कि गुरुवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासारा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा, ''कल होने वाले कार्यक्रम के सरकारी निमंत्रण में मुख्यमंत्री के साथ ही उपमुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण का विवरण लिखा गया है. जबकि संविधान की धारा 163 व 164 में ऐसे किसी पद की शपथ का विवरण नहीं है. जाहिर है कि राज्य में उपमुख्यमंत्री का कोई संवैधानिक पद नहीं होता है.'' वहीं, डोटासरा के इस बयान के बाद से ही सियासी पारा चढ़ गया है.

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डोटासरा की आपत्ति का पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह ने किया समर्थन : राजस्थान के नए मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री 15 दिसंबर को शपथ लेने जा रहे हैं. इससे पहले उपमुख्यमंत्री की शपथ ग्रहण को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं. जिस पर सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है. अब पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व 9 बार विधायक रही सुमित्रा सिंह ने भी गोविंद डोटासरा के बयान का समर्थन किया है. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह ने कहा, ''संविधान में तो उपमुख्यमंत्री का कोई प्रावधान नहीं है. आज तक मंत्रिपरिषद के सदस्य के तौर पर ही शपथ दिलाई जाती रही है और उसके बाद यह अनाउंस कर दिया जाता है कि ये उपमुख्यमंत्री होंगे.

पायलट ने भी ली शपथ, लेकिन परिपाटी न बनाएं : वहीं, इस पूरे मामले को लेकर पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष रामनारायण मीणा ने कहा, ''यह सही है कि उपमुख्यमंत्री का कोई संवैधानिक पद नहीं होता है और जिसे उपमुख्यमंत्री बनाया जाता है. वो कैबिनेट मंत्री पद की शपथ लेता है. हालांकि, यह मुद्दा अब इतना अहम नहीं रहा, क्योंकि इससे पहले सचिन पायलट भी मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं, लेकिन भाजपा को इस तरह के अपवाद को परिपाटी नहीं बनाना चाहिए.

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