जयपुर.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन के लिए दौसा आ रहे हैं. लेकिन पीएम के दौरे से पहले अब सियासी वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई है. इसी बीच मोदी की संभावित मीणा हाईकोर्ट में होने वाली सभा की जगह बदल दी गई है. साथ ही बताया जा रहा है कि अब ये सभा बांदीकुई के पास धनावड़ में होगी. राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा के प्रभाव वाले क्षेत्र से सभा को बदलने के पीछे दौसा सांसद जसकौर मीणा से चल रही अदावत मानी जा रही है.
दो सांसदों की अदावत - पीएम मोदी 12 फरवरी को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण करेंगे. साथ ही सभा के जरिए पूर्वी राजस्थान के पांच जिलों को भी साधेंगे, जहां पिछले चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन मोदी के आने से पहले ही पार्टी के नेताओं की आपसी खींचतान धीरे-धीरे सार्वजनिक हो रही है. इसकी बड़ी वजह पीएम की सभा स्थल में हुए बदलाव को माना जा रहा है. मोदी की सभा अब दौसा के मीणा हाईकोर्ट की बजाय बांदीकुई के पास धनावड़ में होगी.
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे कार्यक्रम में अचानक हुए बदलाव को भाजपा के दो सांसदों के बीच जारी सियासी अदावत से जोड़कर देखा जा रहा है. बताया जा रहा है कि किरोड़ीलाल मीणा ने पहले मीणा हाईकोर्ट में सभा का सुझाव देने के साथ ही तैयारी शुरू कर दी थी. लेकिन दौसा के सांसद जसकौर मीणा ने इसकी जगह की बदलकर बांदीकुई धनावड़ करने का सुझाव दिया. माना जा रहा है कि अगर दौसा के मीणा हाईकोर्ट में सभा होती तो इसका पूरा श्रय किरोड़ी मीणा को मिलता.
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मीणा समाज के साथ ही अब गुर्जरों को साधने की तैयारी -बता दें कि राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा का अपने मीणा समाज में बड़ा प्रभाव है, लेकिन दौसा से सांसद जसकौर मीणा भी इसी समाज से आते हैं. ऐसे में जसकौर मीणा की कोशिश थी कि पीएम मोदी की सभा मीणा हाईकोर्ट की जगह किसी अन्य स्थान पर हो, जहां से अन्य समाज के लोगों को भी साधा जा सके. दौसा लोकसभा क्षेत्र में मीणा समाज के साथ ही गुर्जर समाज का भी बड़ा वोट बैंक है.
यही वजह है कि अंतत: सभा स्थल को ही बदल दिया गया. वहीं, बांदीकुई में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के लोकार्पण और जनसभा के पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे बांदीकुई के धनावड़ के नजदीक है. लेकिन सियासी लिहाज से देखें तो बांदीकुई के करीब गुर्जर समाज बहुलता में है. ऐसे में इस सभा के जरिए मोदी दोनों ही जाति समूह को साधने की कोशिश करेंगे.
किरोड़ी को झटका -पीएम मोदी की सभा मीणा हाईकोर्ट में प्रस्तावित होने के बाद राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा जनसभा को सफल बनाने में जुटे हुए थे और आसपास के इलाकों में पीले चावल बांटकर लोगों को ज्यादा से ज्यादा तादाद में जनसभा में शामिल होने के लिए कह रहे थे. पेपर लीक मामलों की सीबीआई जांच की मांग को लेकर चल रहे धरने के दौरान भी किरोड़ी मीणा कई बार धरना स्थल छोड़कर घूम-घूमकर लोगों को जनसभा में आने का न्यौता दे रहे थे. लेकिन जैसे ही कार्यक्रम स्थल में बदलाव किया गया, वैसे ही किरोड़ी लाल मीणा और उनके समर्थकों में नाराजगी देखने को मिली. इधर, मीणा ने प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया पर पेपर लीक धरने के बहाने खुले मंच से निशाने साधा. मीणा के अचानक पूनिया पर हमले को उनकी नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है.
डेढ़ से दो लाख का लक्ष्य -प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में करीब डेढ़ से दो लाख लोगों के आने की संभावना है. पार्टी सूत्रों की मानें तो प्रदेश के नेताओं को डेढ़ से दो लाख लोगों की संख्या जुटाने के निर्देश दिए गए हैं. इसी वजह से प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया सहित तमाम बड़े नेता दौसा में सक्रिय हैं और बैठकें कर भीड़ जुटाने की रणनीति पर मंथन कर रहे हैं.