जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव के बीच भाजपा के केंद्रीय नेताओं के दौरे लगातार बढ़ रहे हैं. अमित शाह और नितिन गडकरी के बाद अब पीएम मोदी भी रोड शो करने जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 नवंबर को जयपुर में रोड शो करेंगे. मोती डूंगरी गणेश मंदिर से जयपुर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर तक होने वाले इस रोड शो के दौरान 4 विधानसभा क्षेत्र कवर होंगे, लेकिन पीएम के दौरे से शहर की तकरीबन सभी विधानसभा सीटों पर इसका असर दिखने वाला है.
जयपुर की 8 सीटों में से 5 कांग्रेस के पास : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये रोड शो पहले 23 नवंबर को प्रस्तावित था, लेकिन अब इसमें बदलाव करते हुए 21 नवम्बर की तारीख तय की है. पीएम मोदी का रोड शो मोती डूंगरी गणेश मंदिर से लेकर जयपुर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर तक होगा. धार्मिक स्थल से शुरू होने वाले इस रोड के जरिए भाजपा ध्रुवीकरण करने की पूरी कोशिश करेगी. रोड शो के दौरान जिन 4 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करने का रोड मैप तैयार किया गया है, वो अल्पसंख्यक बाहुल्य सीटें है. मोदी के रोड शो से शहर की सभी 8 सीटों पर असर डालने की कोशिश होगी. जयपुर शहर की 8 में से 5 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. किशनपोल, हवा महल, आदर्श नगर, सिविल लाइन, बगरू कांग्रेस के पास हैं तो वहीं मालवीय नगर, सांगानेर और विद्याधर नगर विधानसभा सीटें बीजेपी के पास हैं.
जयपुर शहर की 8 सीटों के समीकरण :
सांगानेर विधानसभा सीट : 2018 में इस सीट पर जीत का मार्जिन सर्वाधिक रहा. यहां बीजेपी के अशोक लाहोटी ने कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पेन्द्र भारद्वाज को हराया था. सांगानेर सीट बीजेपी का गढ़ रही है. 2008 और 2013 के चुनाव में घनश्याम तिवाड़ी ने लगातार 2 बार चुनाव जीता था. हालांकि इस बार भाजपा ने अपना प्रत्याशी बदलते हुए भजन लाल शर्मा को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने पुष्पेन्द्र भारद्वाज पर भरोसा जताया है.
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सिविल लाइन विधानसभा क्षेत्र : 2018 में इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी प्रताप सिंह खाचरियावास ने बीजेपी के अरुण चतुर्वेदी को हराया था. वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में भी अरुण सिंह और प्रताप सिंह खाचरियावास आमने सामने थे, तब चतुर्वेदी ने प्रताप सिंह को हराया था. वर्ष 2008 में प्रताप सिंह खाचरियावास के सामने अशोक लाहोटी थे, तब प्रताप सिंह ने अशोक लाहोटी को हराया था. हालांकि इस बार भाजपा ने अपना प्रत्याशी बदलते हुए गोपाल शर्मा को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने प्रताप सिंह खाचरियावास पर भरोसा जताया है.
किशनपोल विधानसभा सीट : किशनपोल सीट बीजेपी का गढ़ रही है. यहां 1990 के बाद 7 बार विधानसभा चुनाव हुए. इन सात में से बीजेपी ने पांच बार जीत हासिल की है. वर्ष 1998 में निर्दलीय प्रत्याशी नन्दलाल और 2018 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी ने जीत हासिल की. कांग्रेस प्रत्याशी अमीन कागजी इस सीट से विधायक हैं और तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं. इससे पहले 2013 का चुनाव वो हार गए थे, लेकिन 2018 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी मोहनलाल गुप्ता को हराकर उन्होंने जीत हासिल की थी. हालांकि भाजपा ने प्रत्याशी बदलते हुए चंद्रमनोहर बटवाडा को मैदान में उतारा है. बटवाड़ा पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं.