जयपुर. पीएचईडी मंत्री महेश जोशी का कहना है कि राजस्थान जैसे कठिन भौगोलिक हालात वाले प्रदेश में पीने के पानी की शुरू से ही चुनौती रही है. आने वाले समय में पीने के लिए पानी बचा रहे. इसके लिए जरूरी है कि इसे लेकर लोगों में जागरुकता आए. बच्चों को शुरू से ही स्कूलों में पानी के सदुपयोग का पाठ पढ़ाना चाहिए. इसके लिए उन्होंने बाकायदा एक पाठ्यक्रम तैयार करने पर भी जोर दिया. दरअसल, यूनिसेफ, पीएचईडी, वाटरशेड विभाग और पंचायतीराज विभाग की ओर से आज जल स्रोतों के संरक्षण को लेकर एक कार्यशाला कार्यशाला में मंत्री महेश जोशी ने यह बात कही है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के मापदंड चाहे जो भी हों, लेकिन राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए जल जीवन मिशन में प्रदेश में बहुत अच्छा काम हुआ है. अब तक राजस्थान में जल जीवन मिशन के तहत 38 फीसदी काम हो चुका है. उन्होंने कहा कि राजस्थान के भौगोलिक हालात अलग हैं. जमीन में विविधता है. ऐसे में अन्य राज्यों में जहां जल जीवन मिशन के तहत प्रति कनेक्शन 10, 20, 30 हजार रुपए का खर्च आ रहा है. जबकि राजस्थान में प्रति कनेक्शन खर्च करीब 70 हजार रुपए आ रहा है. उन्होंने पीएचईडी विभाग के अधिकारियों से आह्वान किया कि इस काम की निरंतरता को बनाए रखे.
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