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साख बचाने के लिए शुरू किया गया परकोटे का ड्रोन सर्वे - UNESCO

सोमवार को यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की उपस्थिति में सांगानेरी गेट से ड्रोन से सर्वे और वीडियोग्राफी की शुरुआत की गई. यह सर्वे पुरातात्विक महत्व के भवनों और धरोहरों को संरक्षित किए जाने की कार्य योजना के तहत किया जा रहा है. जिससे यूनेस्कों की टीम जयपुर दौरा पर आए तो जयपुर वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल रहे.

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Published : Oct 15, 2019, 12:11 AM IST

जयपुर. दिसंबर में यूनेस्को की टीम एक बार फिर जयपुर शहर का दौरा करने आएगी. इस दौरान ये तय किया जाएगा कि जयपुर वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल रहेगा या नहीं. ऐसे में अब साख बचाने के लिए जयपुर शहर की चारदीवारी में पुरातात्विक महत्व के भवनों और धरोहरों को संरक्षित किए जाने की कार्य योजना के तहत ड्रोन से सर्वे और वीडियोग्राफी कराई जा रही है. जिसकी शुरुआत सोमवार को यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने सांगानेरी गेट से की.

जयपुर परकोटे की ड्रोन से कराई जा रही सर्वे

बता दें कि 3 महीने पहले जयपुर को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया था. हालांकि उस दौरान यूनेस्को की ओर से कुछ शर्तें भी रखी गई थी और उन्हें पूरा करने की स्थिति में ही ये टाइटल बरकरार रहना तय हुआ था. इसी के मद्देनजर सोमवार को यूडीएच मंत्री की अगुवाई में सांगानेरी गेट से ड्रोन से सर्वे और वीडियोग्राफी की शुरुआत की गई. इस दौरान धारीवाल ने कहा कि कांग्रेस की पुरानी जो मेहनत थी उसका नतीजा तो मिल चुका है.

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लेकिन अब इस टाइटल को बरकरार रखने की चुनौती प्रशासन और शहर वासियों के सामने हैं. साथ ही धारीवाल ने कहा कि यूनेस्को से मिली गाइडलाइन के अनुसार चारदीवारी के अंदर बिल्डिंग बायलॉज को बदला गया है. जिसके तहत हर व्यक्ति को अपने मकान का फसाड़ जयपुर के ऐतिहासिक अंदाज में रखना होगा. इसकी वीडियोग्राफी कराई जा रही है. उसके बाद नोटिस देकर 60 दिन का समय भी दिया जाएगा. जिसमें यदि शहरवासी शर्तों के अनुसार फसाड़ वर्क नहीं करते तो कार्रवाई की जाएगी.

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वहीं किशनपोल विधायक अमीन कागज़ी ने कहा कि फिलहाल अतिक्रमण को लेकर सर्वे नहीं कराया जा रहा है. सरकार का फोकस यूनेस्को की गाइडलाइन के अनुसार फसाड़ पर है. उसी पर जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी. विधायक ने कहा कि दो चार आदमी किसी के उकसाने से विवाद को जन्म दे सकते हैं, अन्यथा हेरिटेज के संरक्षण के लिए जयपुर के सभी लोग चिंतित हैं. ड्रोन से सर्वे का काम 5 दिन में पूरा हो जाएगा. जिसमें एक-एक इमारत की पूरी जानकारी ली जाएगी.

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साथ ही अवैध निर्माण हटाए जाने को लेकर भी मामला फिलहाल लॉ डिपार्टमेंट के पास है. जिसके बाद परकोटे के नए बिल्डिंग बायलॉज भी पूरी तरह सामने आ जाएंगे. ऐसे में माना जा सकता है कि यदि सरकार यूनेस्को की गाइडलाइन पर पूरी तरह काम कर पाती है, तो बहुत जल्द जयपुर अपने विरासतीय अंदाज में नजर आएगा.

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