कोर्ट के फैसले के खिलाफ शहरवासियों का प्रदर्शन जयपुर.राजधानी जयपुर के परकोटे में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के जख्म फिर हरे हो गए हैं. इन बम धमाकों के आरोपियों को दोषमुक्त करने के हाई कोर्ट के फैसले के बाद जयपुर में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं. शनिवार शाम शहरवासियों और व्यापारियों ने बम ब्लास्ट के स्थानों में से एक चांदपोल हनुमान मंदिर के बाहर कैंडल जलाकर मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की. साथ ही हनुमान मंदिर में दीपक जलाकर उनकी आत्मा की शांति की कामना की.
इस दौरान धरोहर बचाओ समिति के संयोजक भारत शर्मा ने कहा कि जयपुर शहर जो दंश झेल रहा है, वो कांग्रेस सरकार की देन है. जयपुर वासियों को उम्मीद थी कि निचली अदालत के फैसले के अनुसार ही हाईकोर्ट भी आरोपियों को फांसी की सजा सुनाएगा, लेकिन गहलोत सरकार के सरकारी अधिवक्ता की कमी से सभी हत्यारे बरी कर दिए गए. इससे आम जनता उद्वेलित है. वो जयपुर बम ब्लास्ट के आरोपियों को फांसी की सजा दी जाने की मांग कर रहे हैं.
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प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण:बीजेपी पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील कोठारी ने कहा कि अशोक गहलोत राज्य के मुख्यमंत्री होने के साथ गृहमंत्री भी हैं. ये गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी थी कि हाईकोर्ट में सही तरीके से पैरवी हो, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसके जिम्मेदार गृह मंत्रालय देख रहे मुख्यमंत्री हैं. इस निर्णय के बाद अब 'आमजन में विश्वास और अपराधियों में भय' का नारा बदलकर 'अपराधियों में विश्वास और आम जनता में भय' हो गया है. निश्चित रूप से राजस्थान में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है. इसे लेकर जनता में जो आक्रोश है, उसका जवाब आगामी विधानसभा चुनाव में जनता जरूर देगी. जयपुर व्यापार मंडल के अध्यक्ष ललित सिंह सांचौरा ने कहा कि जयपुर व्यापार मंडल अब बालाजी महाराज की शरण में आया है. हमने कामना की है कि जब सरकार ने पैरवी नहीं की तो भगवान पैरवी करेंगे.
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लापरवाही बरतने वाले एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई : इससे पहले जन अधिकार मंच के कार्यकर्ताओं ने आक्रोश व्यक्त करते हुए सड़कों पर प्रदर्शन किया और फिर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा. मंच के संयोजक सूरज सोनी ने कहा कि जांच एजेंसी ने पूरे साक्ष्य पेश नहीं किए, जिसके चलते सबूतों के अभाव में आरोपी बरी हो गए. इससे जयपुर के लोगों को धक्का लगा है. जो पीड़ित थे, उनको न्याय नहीं मिला. ऐसे में उन्होंने राज्य सरकार से जल्द सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की मांग की. साथ ही बम कांड के गुनहगारों को फांसी के तख्ते पर लटकाने और लापरवाही बरतने वाले जांच एजेंसी के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने की भी मांग की. उन्होंने राज्यपाल को ज्ञापन देते हुए ऐसी सरकार को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की है.
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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने राजस्थान यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया. संगठन के जयपुर प्रांत मंत्री शौर्य जैमन ने कहा कि आतंकवादियों को इस तरीके से बरी करना कहीं न कहीं राजस्थान सरकार की पैरवी पर सवालिया निशान खड़ा करता है. सरकार सत्ता के लालच में हथकंडे अपना रही है, जो पूरी तरह गलत है. विद्यार्थी परिषद इसका विरोध करती है. सरकार जवाब दें कि ऐसी क्या मजबूरी रही कि जिन आरोपियों को पहले फांसी की सजा हुई, उनका मामला हाईकोर्ट में गया और उन्हें बरी किया गया. मुख्यमंत्री उन परिवारों की तरफ देखें जिन्होंने अपनों को खोया है. उन्होंने कहा कि आरोपियों को फांसी की सजा होनी चाहिए, अन्यथा विरोध जारी रहेगा.