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Jaipur waterlogging : जलभराव की समस्या से जूझ रहे लोगों ने किया जल सत्याग्रह - people protest against waterlogging in jaipur road

प्रदेश की राजधानी जयपुर के सांगानेर स्थित रामपुरा रोड पर जलभराव की समस्या से जूझते लोगों ने बुधवार को जलसत्याग्रह किया. उनका कहना है कि निगम मोटर के जरिए पानी निकालता है इसलिए समस्या जस की तस बनी हुई है.

जलभराव की समस्या के खिलाफ लोगों का जल सत्याग्रह
जलभराव की समस्या के खिलाफ लोगों का जल सत्याग्रह

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Published : Jul 6, 2023, 7:57 AM IST

जयपुर.राजधानी के सांगानेर स्थित रामपुरा रोड पर जलभराव की समस्या से जूझ रहे लोगों ने बुधवार को जलसत्याग्रह किया. सैकड़ों लोग गंदे पानी में बैठकर और लेटकर प्रदर्शन करते नजर आए. वहां दो सप्ताह से बारिश का पानी मुख्य सड़कों और कॉलोनियों में भरा हुआ हैं. इससे लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है.

जलभराव की समस्या से जूझ रहे लोगों का अनोखा प्रदर्शन

राजधानी में बुधवार को एलएसजी सचिव महेश चंद शर्मा और ग्रेटर नगर निगम आयुक्त महेंद्र सोनी ने 2 घंटे शहर का औचक निरीक्षण किया. साथ ही सभी स्ट्रीट वेन्डर्स और दुकानों के सामने कचरापात्र रखवाने, गंदगी फैलाने वालों के चालान काटने और जहां-तहां हरा चारा बेचने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई के निर्देश दिए. इस दौरान महेन्द्र सोनी ने कहीं गंदगी मिलने पर कर्मचारियों की फटकार लगाई, तो कहीं सफाई मिलने शाबाशी देते हुए 15 अगस्त को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किए जाने की बात भी कही.

जलभराव की समस्या से जूझ रहे लोगों ने किया जल सत्याग्रह

निरीक्षण के दौरान सवाई मानसिंह अस्पताल के बाहर हो रहे अतिक्रमण पर भी ऐतराज जताया. वहीं राजस्थान विश्वविद्यालय और संघटक कॉलेजों के बाहर पर जगह-जगह लगे पोस्टर, बैनर को हटवाने के निर्देश दिए. जबकि एलएसजी सचिव महेश चंद शर्मा ने निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को मशीनरी को अपग्रेड करने के निर्देश दिए. साथ ही जेएलएन मार्ग पर नालों के टूटे हुए ढक्कनों को ठीक करने और सीवर चैम्बर को तत्काल सुधारने के निर्देश दिए. इसके साथ ही प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग करने वाले दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए.

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हालांकि अधिकारियों का काफिला सांगानेर तक नहीं पहुंचा. वहां रामपुरा रोड पर स्थानीय लोग जल सत्याग्रह कर रहे थे. लोगों की माने तो करीब दो किलोमीटर के इलाके में पानी भरने के बाद जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने से घुटने तक भरे पानी में ही लोगों को आना जाना पड़ता है. इस वजह से रोजमर्रा के काम-काज पर खासा असर पड़ रहा है. वहीं काम-धंधे भी चौपट हो गए हैं. जलभराव की समस्या करीब 20 साल पुरानी है.

कई बार विधायकों से लेकर निगम- जेडीए के प्रशासनिक अधिकारी यहां आकर आश्वासान देकर चले गए। लेकिन अभी तक स्थाई समाधान नहीं हो सका. अभी भी निगम के मड पंप के जरिए पानी को खाली करने का प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन लोगों की माने तो इस परेशानी की ये महज फौरी राहत हैं. स्थाई रूप से जब तक समाधान नहीं होगा तब तक लोगों ने यहां आंदोलन जारी रखने का एलान किया.

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