जयपुर.आरटीई के तहत एडमिशन में समस्याओं को लेकर अभिभावकों ने गुरुवार को 5 घंटे तक शिक्षा संकुल पर विरोध प्रदर्शन किया. आरटीई प्रक्रिया के तहत निजी स्कूल बच्चों को एडमिशन देने से मना कर रहे है जिसे लेकर अभिभावकों ने कार्रवाई की मांग की है. अभिभावकों का कहना है कि निजी स्कूलों की मनमानी से बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है.
संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू के मुताबिक गुरुवार को करीब 5 घंटे तक 200 से अधिक अभिभावकों ने शिक्षा संकुल पर एकजुट होकर निजी स्कूलों की मनमानी और हठधर्मिता के खिलाफ प्रदर्शन किया. अभिभावकों ने आरटीई उपनिदेशक ओम प्रकाश गुप्ता, जिला शिक्षा अधिकारी राजेन्द्र शर्मा हंस और यूडीसी आशीष शर्मा ने मुलाकात की और अपनी समस्या रखी. लेकिन अधिकारियों ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उनके हाथ में कुछ नहीं है. सरकार और उच्च अधिकारी आरटीई पर निर्णय लेंगे.
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प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल के मुताबिक आरटीई के तहत छात्रों को कक्षा 9 से 12 तक की घोषणा राज्य सरकार ने की थी. अभी तक गाइडलाइन जारी नहीं की गई जिसकी वजह से अभिभावकों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. आरटीई के फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 10 अप्रैल है. जब सरकार ने गाइडलाइन ही जारी नहीं की तो छात्रों का एडमिशन कैसे संभव होगा. पूरे प्रदेश में लाखों छात्रों का भविष्य सरकार की राजनीतिक घोषणा के चलते अंधकार में चला गया है.
आरटीई उपनिदेशक ओमप्रकाश गुप्ता और जिला शिक्षा अधिकारी राजेन्द्र शर्मा हंस से मुलाकात कर संयुक्त अभिभावक संघ ने आरटीई प्रक्रिया को फॉलो करने वाले सभी छात्रों को एडमिशन देने की मांग की. यह भी मांग की कि जो स्कूल आरटीई कानून को फॉलो नहीं कर रहे हैं उन पर कार्रवाई कर मान्यता रद्द की जाए. इसके अतिरिक्त राजस्थान हाईकोर्ट ने बुधवार को आरटीई कानून को सभी निजी स्कूलों में लागू करवाने का निर्देश दिया है जिसकी पालना भी सुनिश्चित की जाए. निजी स्कूलों ने आरटीई को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में जो याचिका दायर की है उसमें संयुक्त अभिभावक संघ भी पक्षकार बनने की अपील करेगा.