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Parents Warning to Govt: निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ जुटे अभिभावक, सड़कों पर उतरने की दी चेतावनी - Parents warning to state government

निजी स्कूलों के फीस बढ़ोतरी के फैसले के खिलाफ अब अभिभावक (Parents warning to state government) सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं. हालांकि, इससे पहले रविवार को राजधानी की सेंट्रल पार्क में अभिभावकों की एक बैठक हुई.

Parents warning to state government
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Published : Apr 2, 2023, 7:04 PM IST

अभिभावकों ने दी सरकार को चेतावनी

जयपुर.निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अभिभावक एक बार फिर सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं. निजी स्कूलों की ओर से बढ़ाई गई फीस, आरटीई के तहत कक्षा 9वीं से 12वीं तक के बच्चों के एडमिशन नहीं होना, कोरोना काल की फीस बकाया होने के चलते छात्रों की पढ़ाई रोकने सहित विभिन्न मसलों को लेकर अभिभावक रविवार को सेंट्रल पार्क में जुटे थे, जहां सभी ने अपनी समस्याओं को साझा किया. साथ ही कहा गया कि इस मामले में सरकार सक्रिय होकर कानून की पालना कराए. ऐसा नहीं होने पर वे सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होंगे.

नए शिक्षा सत्र की शुरुआत के साथ ही कुछ निजी स्कूलों ने 10 से 40% तक फीस में वृद्धि की है. निजी स्कूलों की इसी तरह की मनमानी के खिलाफ रविवार को भी विभिन्न प्राइवेट स्कूल से जुड़े अभिभावक सेंट्रल पार्क में एकत्रित हुए, जहां सभी ने अपनी समस्याओं को साझा किया. इस दौरान अभिभावकों ने कहा कि इस बार मसला केवल फीस एक्ट 2016 या फिर 3 मई 2021, 1 अक्टूबर, 2021 को आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना सुनिश्चित करवाने मात्र तक समिति नहीं है, बल्कि अबकी निजी स्कूलों ने कानून प्रक्रिया को दरकिनार कर मनमाने तरीके से फीस बढ़ाया है. जिससे अभिभावक खासा नाराज हैं. वहीं, संयुक्त अभिभावक संघ के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन ने बताया कि सभी अभिभावकों से चर्चा करने के बाद फैसला लिया गया है कि कानूनी प्रक्रिया के मुताबिक सभी अभिभावक अपने-अपने स्कूल को शिकायत पत्र लिखेंगे. इसकी प्रतिलिपि शिक्षा विभाग, शिक्षा निदेशक, शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री तक पहुंचाई जाएगी.

अभिभावकों ने दी सरकार को चेतावनी

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इसके साथ ही स्कूलों की ओर से शिकायत पत्रों का जवाब नहीं देने पर शिक्षा विभाग को अलग से पत्र लिखा जाएगा. इसके बावजूद अगर सुनवाई नहीं होती है तो संयुक्त अभिभावक संघ सभी अभिभावकों को साथ लेकर सड़कों पर उतरेगा और कानून ने जो अधिकार अभिभावकों को दिए हैं, उनकी पालना सुनिश्चित करने की मांग करेगा. साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना नहीं करने वाले स्कूलों के खिलाफ वो कोर्ट जाएंगे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और शिक्षा विभाग कानून की पालना नहीं करवाने के मामले को लेकर भी वो कोर्ट जाएंगे और कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने पर कार्रवाई की याचिका लगाएंगे.

इधर, अब शिक्षा विभाग भी हरकत में आ गया है. विभाग की ओर से स्कूलों को चेतावनी जारी कर फीस एक्ट की पालना नहीं करने वाले स्कूलों को आरटीई का भुगतान नहीं करने की चेतावनी दी है. इस संबंध में संघ के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा कि ये मसला पिछले तीन सालों से चल रहा है. हजारों शिकायत अभिभावकों को ओर से शिक्षा विभाग को दी गई है. लेकिन अब तक शिक्षा विभाग ने किसी एक पर भी कोई कार्रवाई नहीं की है. अगर शिक्षा विभाग को कानून की पालना ही नहीं करवानी है तो आरटीई को लेकर जो कानून बनाए गए हैं, उन्हें कचरे में डाल देना चाहिए. साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर शिक्षा विभाग ने अभिभावकों की शिकायत पर कार्रवाई नहीं की तो अभिभावक दोबारा सड़कों पर उतरने के लिए तैयार है और अब जो लड़ाई शुरू होगी वो कोर्ट तक जाएगी.

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