राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

गंदगी पर हंगामाः पहले प्रशासन को बताई समस्या, नहीं निकला हल तो पंचायत समिति की बैठक में जमकर काटा बवाल

जयपुर के कोटपूतली में सोमवार को उपखंड स्तरीय बैठक खासी हंगामेदार रही. हंगामा उस वक्त शुरू हुआ जब इटली में जोहड़ से परेशानी झेल रहे स्थानीय नागरिकों का प्रतिनिधिमंडल बैठक में पहुंचा. उनका आरोप था कि उन्होंने प्रशासन को गन्दे पानी की निकासी के संबंध में 7 दिन का अल्टीमेटम दिया था. लेकिन प्रशासन के ढीले रवैये के कारण इस समस्या का हल अभी तक नहीं निकल पाया है.

पंचायत समिति की बैठक रही हंगामेदार, meeting in Kotputli was a ruckus
पंचायत समिति की बैठक रही हंगामेदार

By

Published : Feb 3, 2020, 10:10 PM IST

कोटपूतली (जयपुर). पंचायत समिति में सोमवार को उपखंड स्तरीय बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में जमकर हंगामा हुआ. बैठक में एसडीएम नानू राम सैनी, पंचायत समिति के बीडीओ राजबाला मीना, नगरपालिका अध्यक्ष महेंद्र सैनी, नगरपालिका अधिशासी अधिकारी विशाल यादव और कई दूसरे विभागों के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे.

पंचायत समिति की बैठक रही हंगामेदार

वहीं जानकारी के अनुसार हंगामा उस वक्त शुरु हुआ जब इटली के जोहड़ से परेशानी झेल रहे स्थानीय नागरिकों का प्रतिनिधिमंडल बैठक में पहुंचा. इन लोगों ने पूर्व संसदीय सचिव रामस्वरूप कसाना के नेतृत्व में प्रशासन को गन्दे पानी की निकासी के संबंध में 7 दिन का अल्टीमेटम दिया था.

पढ़ेंः कांग्रेस ने भाजपा को बताया अंग्रेजों का 'चमचा,' कहा- गांधी को प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं

ऐसे में पिछले हफ्ते नगरपालिका ने पानी निकालने के लिए एक पम्पसेट लगाया था, लेकिन पानी की आवक के सामने यह पम्पसेट नाकाफी साबित हुआ. वहीं बैठक में लोगों ने इस समस्या का स्थाई समाधान निकालने की मांग की. लोगों का कहना था कि आधे कोटपूतली शहर का गन्दा पानी हाईवे से लक्ष्मी नगर होते हुए इटली के जोहड़ में गिरता है.

इसी वजह से यहां के लोगों को गन्दगी और बीमारियों की समस्या से दोचार होना पड़ रहा है. कुछ महीनों पहले इस जोहड़ में एक शख्स की डूबने से मौत भी हो गई थी. लोगों का कहना है कि इस पानी को हाउसिंग बोर्ड की नालियों से होते हुए सोता नदी में छोड़ा जा सकता है.

पढ़ेंः Reality check: आखिर जब परिवहन विभाग में ही 'No Vehicle Day' हुआ फ्लॉप, दूसरे की बात ही क्या करें

हालांकि नगरपालिका अधिशाषी अधिकारी का कहना है कि इस प्रोजेक्ट की लागत 5 करोड़ से ज्यादा होने के कारण राज्य सरकार से स्वीकृति लेनी पड़ेगी. जबकि वर्तमान अध्यक्ष महेंद्र सैनी ने प्रशासनिक अधिकारियों के इस ढीले रवैये को इस समस्या का हल न होने का कारण बताया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details