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विद्या संबल योजना के तहत कॉलेजों में लगे शिक्षकों को हटाने का विरोध, अस्थायी शिक्षकों ने किया कार्य बहिष्कार - Opposed to removal of teachers

विद्या संबल योजना के तहत कॉलेजों में लगे शिक्षकों को (teachers boycotted work) हटाए जाने के खिलाफ अब विरोध शुरू हो गया है. वहीं, अस्थायी शिक्षकों ने अब राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए शैक्षिक कार्यों का बहिष्कार किया है.

teachers boycotted work
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Published : Jan 2, 2023, 8:18 PM IST

मांग न माने जाने तक कार्य बहिष्कार की चेतावनी

जयपुर. प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में विद्या संबल योजना के तहत लगाए गए करीब 300 सहायक आचार्यों को हटा दिया गया है और आगे इसी संख्या में और भी शिक्षक हटने (Opposed to removal of teachers) की कगार पर हैं. ऐसे में इन शिक्षकों के लिए विशेष कैडर बनाने और हटाए गए शिक्षकों की दोबारा नियुक्ति मांग को लेकर राजकीय महाविद्यालय सहायक आचार्य शिक्षक संघ ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए शैक्षिक कार्य का बहिष्कार किया है.

राजस्थान सरकार ने उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने और विद्यार्थियों की शैक्षणिक व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए 2021 में विद्या संबल योजना की शुरुआत (Vidya Sambal Yojana) की थी. जिसके तहत प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में 2000 सहायक आचार्य नियुक्त किए गए थे. हालांकि, सत्र पूरा होने से पहले ही इनमें से आर्ट्स के करीब 300 सहायक आचार्य को हटा दिया गया, और कॉमर्स के भी 300 शिक्षकों पर कभी भी गाज गिर सकती है.

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ऐसे में इन शिक्षकों ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए विद्या संबल योजना के तहत लगाए गए सहायक आचार्य का विशेष कैडर बनाने की मांग की है. साथ ही योजना से हटाए गए शिक्षकों को जल्द दोबारा नियुक्ति प्रदान करने और शिक्षकों को मासिक आधार पर वार्षिक वेतन प्रदान करने की मांग की है. शिक्षकों ने बताया कि राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजना से जुड़ने के लिए प्राइवेट कॉलेज इसमें अच्छे वेतनमान को छोड़कर वो राजकीय महाविद्यालयों से जुड़े थे. लेकिन बीच सत्र में ही उन्हें नई नियुक्ति और ट्रांसफर का हवाला देकर हटाया जा रहा है. ऐसे में उन्होंने जब तक उनकी मांगों पर उचित फैसला नहीं लिया जाता, तब तक शैक्षिक कार्य का बहिष्कार करने की चेतावनी दी.

बता दें कि हाल ही कॉलेज शिक्षा में विद्या संबल योजना के तहत अस्थायी शिक्षक लगाने के प्रावधानों में बदलाव किया गया था. राजकीय कॉलेजों में 60 फीसदी स्वीकृत पद रिक्त रहने की स्थिति में ही अस्थाई शिक्षक लगाने की बाध्यता को सरकार ने हटा दिया है. अब कॉलेजों में शून्य पद रिक्त रहने पर भी अस्थाई शिक्षक लगाए जा सकेंगे. बावजूद इसके सहायक आचार्य पद पर लगे अस्थाई शिक्षकों को हटाया जा रहा है.

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