सूडान से सुरक्षित लौटे 27 राजस्थानी जयपुर. ऑपरेशन कावेरी के जरिए सूडान में फंसे भारतीयों को निकाला जा रहा है. इस बीच बुधवार शाम को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 360 भारतीयों को लेकर एक विमान पहुंचा है, राजस्थान फाउंडेशन के अनुसार इनमें से 27 लोग राजस्थान के हैं. दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद लोगों ने भारतीय सेना जिंदाबाद और भारत माता के जयकारे भी लगाए. गौरतलब है कि अब तक सूडान से 670 भारतीयों को रेस्क्यू किया जा चुका है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर लगातार अपने सोशल मीडिया हैंडल के जरिए इस ऑपरेशन से जुड़ी तमाम जानकारी साझा कर रहे हैं. वहीं, सूडान से भारत लौटे लोगों ने अपनी आपबीती सुनाई.
घर लौट कर कहा शुक्रिया :सीकर जिले के रघुवीर शर्मा भी सूडान से घर लौटे हैं. ईटीवी भारत ने जब उनसे संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि घर लौटने की बेहद खुशी है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में फ्लाइट से उतरना उनके लिए अब तक की जिंदगी का सबसे बेहतर लम्हा रहा है. चूरू जिले के रतनगढ़ निवासी मुकेश दुलार भी सूडान में फंसे हैं. उनके भाई बजरंग लाल ने ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत की. उन्होंने बताया कि फिलहाल उनके भाई सूडान पोर्ट की ओर रवाना हो गए हैं, लेकिन कई जगह पर नेटवर्क नहीं होने के कारण उनका संपर्क नहीं हो सका है.
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इसी तरह से सूडान से निकलकर दुबई एयरपोर्ट पहुंचे उत्तम सिंह की पत्नी ने बताया कि फिलहाल उन्हें अपने पति की सकुशल वापसी की चिंता हो रही है. नागौर जिले के डीडवाना के गजानंद शर्मा ने बताया कि वह अपने दो सालों और भाई के साथ सूडान में फंस गए थे. वहां के हालात का जिक्र करते हुए गजानंद शर्मा सहम जाते हैं. यह बताते हैं कि सकुशल घर वापसी के लिए वो सरकार को धन्यवाद देना चाहते हैं.
राजस्थान सरकार ने दिया साथ :बुधवार को अशोक गहलोत सरकार ने ऐलान किया था कि सूडान से घर लौटने वाले राजस्थानियों का परिवहन खर्च सरकार वहन करेगी. घर वापसी करने वाले सभी राजस्थानियों के दिल्ली से आगे सरकारी खर्चे पर उनके अंतिम गंतव्य तक ले जाया जाएगा. सरकार की ओर से इन लोगों के खाने-पीने का इंतजाम भी किया गया था. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस सिलसिले में एक हेल्पलाइन भी शुरू की थी, जिस पर वो लोग भी संपर्क कर सकते हैं, जिनके रिश्तेदार सूडान में हैं. बीकानेर हाउस रेजिडेंट कमिश्नर ऑफिस और राजस्थान फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से सूडान में फंसे राजस्थानियों की सूची भी विदेश मंत्रालय को मुहैया कराई गई थी.