जयपुर.चेहरे और गले से जुड़े कैंसर के इलाज के दौरान आमतौर पर चेहरे और गले के अंगों में विकृतियां आ जाती है, ऐसे में कई बार मरीज हीन भावना से ग्रस्त भी हो जाता है. लेकिन अब इन अंगों को प्लास्टिक सर्जरी द्वारा एक बार फिर से तैयार किया जा सकता है. राजस्थान एसोसिएशन ऑफ प्लास्टिक सर्जन की ओर से रविवार को ओंकोरिकोंन कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. जहां देशभर से आए प्लास्टिक सर्जन्स ने भाग लिया.
राजस्थान एसोसिएशन ऑफ प्लास्टिक सर्जन्स के अध्यक्ष और सवाई मानसिंह अस्पताल के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के चिकित्सक डॉ. आरके जैन ने बताया कि कई बार चेहरे और गले के कैंसर के इलाज के दौरान मरीज के अंगों में विकृतियां आ जाती है. ऐसे में मरीज ठीक तो हो जाता है लेकिन अंगों की विकृति के कारण अपने आप को हीन भावना से ग्रसित कर लेता है.
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