जयपुर. राजस्थान में एक बार फिर कांग्रेस के विधायक ने ही अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इस बार कारण बना है ओबीसी आरक्षण में चल रही (OBC Reservation Discrepancy Issue) विसंगति को दूर करने को लेकर राजस्थान कैबिनेट में रखे गए प्रस्ताव के डेफर होने के बाद. इस मामले में जब पूरी उम्मीदों के बाद भी जब ओबीसी आरक्षण विसंगति को लेकर दिल्ली सरकार के आदेशों को लेकर बुधवार रात हुई कैबिनेट में दुरुस्त नहीं किया गया.
वहीं, इस मामले को डेफर किया गया तो पूर्व मंत्री और पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी नाराज हो गए. उन्होंने अपनी नाराजगी जताते हुए लिखा कि कल कैबिनेट में प्रस्ताव रखा गया था, कल कैबिनेट बैठक में रखने के बावजूद एक विचारधारा विशेष के द्वारा इसका विरोध चौंकाने वाला है. हरीश चौधरी ने अपने ट्वीट के जरिए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मैं स्तब्ध हूं. आखिर क्या चाहते हैं आप ? मैं ओबीसी वर्ग को विश्वास दिलाता हूं कि इस मामले को लेकर जो लड़ाई लड़नी पड़ेगी, लडूंगा.
दरअसल, यह कहा जा रहा है कि ओबीसी आरक्षण में चल रही विसंगतियों को लेकर मामला कैबिनेट में उठा तो कहा जा रहा है कि मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने इसे लेकर अपनी बात रखते हुए और सोचने की बात कही. कैबिनेट के सदस्य की ओर से रखी बात के बाद प्रस्ताव को डेफर किया गया. क्योंकि इस मामले को लेकर हुए विरोध में हरीश चौधरी ने ही आंदोलन का नेतृत्व किया था, ऐसे में हरीश चौधरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत बिना नाम लिए मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास पर भी हमला कर दिया है.
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आपको बता दें कि राजस्थान में ओबीसी वर्ग के पूर्व सैनिकों को दिए जाने वाले आरक्षण को ओबीसी में ही शामिल किया जाता है, जिसे लेकर (Harish Chaudhary Angry with Gehlot Governmen) यह विरोध चल रहा है. उम्मीद थी कि कैबिनेट की बैठक में वसुंधरा सरकार के समय लिए गए इस निर्णय को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार को हुई कैबिनेट में बदल देंगे, लेकिन अब इस फैसले के स्थगित होने के बाद कांग्रेस के नेताओं में आपसी वार पलटवार शुरू हो गए हैं.