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समता आंदोलन समिति ने कहा- ओबीसी के वर्गीकरण और EWS के पांचों मानदंड अन्य पिछड़ा वर्ग में लागू किया जाए

प्रदेश में समानता आंदोलन समिति ने ओबीसी के वर्गीकरण और EWS के पांचों मानदण्ड अन्य पिछड़ा वर्ग में भी लागू करने की मांग की है.

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 16, 2023, 7:53 PM IST

Demand of Samta Andolan Samiti
Demand of Samta Andolan Samiti

समता आंदोलन समिति के ओबीसी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष शमशुद्दीन

जयपुर.प्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के माहौल में ओबीसी के वर्गीकरण और EWS के पांचों मानदण्ड अन्य पिछड़ा वर्ग में भी लागू करने की मांग तेज हो गई है. समता आंदोलन समिति के ओबीसी प्रकोष्ठ ने मांग करते हुए कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग को मिलने वाले आरक्षण और सरकारी योजनाओं का लगभग सम्पूर्ण लाभ केवल एक ही जाति वर्षों से हड़प रही है. प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों ने कहा कि उपरोक्त जाति विशेष को ओबीसी वर्ग में शामिल करने के बाद से सूची में शामिल लगभग सभी जातियां सरकारी योजनाओं से वंचित होती जा रही हैं.

ओबीसी के वर्गीकरण की मांगःओबीसी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष शमशुद्दीन ने बताया कि वर्ष 2003 में राजस्थान अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग (आर.एस.वर्मा आयोग की रिपोर्ट) की नौंवी रिपोर्ट में वास्तविक पिछड़ी और कमजोर जातियों को आरक्षण एवं सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाने के उद्देश्य से पिछड़ा वर्ग की जातियों को 03 वर्गों में विभाजित करने की सिफारिश की गई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि इस सिफारिश को एक जाति विशेष के दवाब में आकर अविधिक रूप से अस्वीकार कर दिया था. जिसके कारण पिछले 20 वर्षों से ओबीसी वर्ग में शामिल अन्य सभी जातियां आरक्षण एवं सरकारी योजनाओं के लाभ से लगभग वंचित होती जा रही हैं.

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उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने भी वर्ष 2017 में रोहिणी आयोग की नियुक्ति कर अन्य पिछड़ा वर्ग के वर्गीकरण के लिए उचित मानदण्ड तय करते हुए रिपोर्ट पेश करने के लिए निर्देशित किया था. इस रोहिणी आयोग ने भी अभी अगस्त 2023 में अपनी अंतिम रिपोर्ट केन्द्र सरकार को प्रस्तुत कर दी है, जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग को चार भागों में वर्गीकृत करने की सिफारिश करने की जानकारी मिली है. ऐसे में समता आंदोलन समिति मांग करती है कि राजस्थान अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग की नौंवी रिपोर्ट और हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न निर्णयों में दिए गए निर्देशों की पालना करते हुए अन्य पिछड़ा वर्ग को तीन या चार भागों में वर्गीकृत करने के आदेश जारी करे. जिससे राजस्थान की 90 से अधिक वास्तविक, वंचित और पिछड़ी जातियों को भी आरक्षण एवं सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके.

EWS के पांचों मानदण्ड अन्य पिछड़ा वर्ग में भी लागू करने की मांगःशमशुद्दीन ने बताया कि ओबीसी में से जो क्रिमिलेयर को बाहर करने की अधिसूचना है, वो बिल्कुल ही अनुपयोगी और प्रभावहीन है. इस क्रिमिलेयर की अधिसूचना के आधार पर केवल एक प्रतिशत अति सम्पन्न व्यक्ति ही ओबीसी से बाहर हो पाते हैं. जिसके कारण सम्पन्न और धनाढ्य व्यक्तियों के परिवार गरीब और वास्तविक पिछड़ों के अधिकारों को लगातार हड़पते जा रहे हैं. ओबीसी वर्ग का वास्तविक वंचित और पिछड़ा वर्ग आज भी आरक्षण और सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित है. उन्होंने कहा कि सरकार से आग्रह है कि वो इस क्रिमिलेयर की अधिसूचना को तत्काल प्रभाव से निरस्त करते हुए EWS के पांचों मानदण्ड अन्य पिछड़ा वर्ग में भी लागू की जाए.

यह है EWS के पांच मानदंडःEWS के पांचों मानदण्ड में 5 एकड़ या उससे कम कृषि भूमि, 1000 वर्ग फीट या उससे कम आवासीय फ्लैट, अधिसूचित नगरपालिकाओं में 100 गज या कम का आवासीय प्लॉट होना. साथ ही अन्य क्षेत्र में 200 वर्गगज या कम का आवासीय प्लॉट एवं परिवार की 8 लाख से कम वार्षिक आय शामिल है.

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