जयपुर. राजस्थान रोडवेज में इन दिनों बसों की हालत ज्यादा ही खराब हो गई है. इसकी सबसे बड़ी वजह बसों में आई कमी है. रोडवेज का मूलभूत आधार ही अब बिखरने लगा है. आमतौर पर राजस्थान रोडवेज के बेड़े में 4500 से 5000 बसें रहती रही है. बेड़े में बसों की संख्या पिछले कई वर्षों से स्थिर रखी जाती है, लेकिन पिछली सरकार के समय में नई बसों की खरीद नहीं किए जाने से हालत बिगड़ने लगी हैं. वहीं, मंत्री खाचरियावास ने कहा है कि प्रदेश में हस बसों की कमी नहीं होने देंगे.
इस दौरान पिछले 5 वर्षों में मात्र 500 नई बसें ही खरीदी जा सकी है. जबकि प्रत्येक वर्ष रोडवेज को 500 नई बसों की जरूरत पड़ती है. जहां 2500 नई बसें खरीदी जानी चाहिए थी. वहां केवल 500 ही खरीदी गई हैं. इस कारण रोडवेज के बेड़े में बसों की संख्या लगातार घटती जा रही है. बेड़े को बरकरार रखने के लिए रोडवेज प्रशासन के द्वारा उन पुरानी बसों को भी घसीटा जा रहा है, जो कि कंडम होने की मानदंडों को पूरा कर चुकी है.
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आम तौर पर 8 साल पुराना होने पर बस संचालन-योग्य नहीं रहती है और उसे कंडम घोषित कर दिया जाता है. लेकिन रोडवेज में फिलहाल 9 से 10 साल पुरानी बसों को भी चलाया जा रहा है. रोडवेज बसों की संख्या कम होने के चलते रोडवेज प्रशासन को नकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं. इस समय बसों की संख्या 3459 ही रह गई है.