जयपुर.चुनावी साल में राजस्थान का सियासी पारा चढ़ा हुआ है. भाजपा और कांग्रेस के नेता अपनी तरकश से चुन-चुनकर बयानी बाण निकालकर परस्पर जुबानी हमला कर रहे हैं और लगातार आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इन सबके बीच दोनों पार्टियों से जुड़े छात्र संगठन भी खुलकर मैदान में हैं. भाजपा से जुड़े एबीवीपी और कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई ने भी एक-दूसरे के खिलाफ सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक मोर्चा खोला हुआ है. अब आज एनएसयूआई ने पैदल शांति मार्च निकालकर एबीवीपी पर बैन लगाने की मांग रख दी है.
गुरुवार को एनएसयूआई ने प्रदेशाध्यक्ष अभिषेक चौधरी के नेतृत्व में राजस्थान विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार से शहीद स्मारक तक पैदल शांति मार्च निकाला. एनएसयूआई से जुड़ी छात्राएं भी इस पैदल मार्च में शामिल हुई. एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष अभिषेक चौधरी का कहना है कि प्रदेशभर में शिक्षण संस्थानों में इस कुत्सित विचारधारा के परिषद के कार्यकर्ताओं ने जो हालात बना रखे हैं. जो परिस्थितयां बना रखी हैं. वो सबके सामने हैं. बहन बेटियों का उत्पीड़न हो रहा है. यहां तक कि शिक्षकों का उत्पीड़न हो रहा है. आए दिन ये लोग गुंडागर्दी करते हैं. उनका आरोप है कि ये राजभवन के नाम पर गुंडागर्दी करते हैं.
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विचारधारा की धमकी देकर शिक्षकों में खौफःएनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष अभिषेक चौधरी ने आरोप लगाया कि अपनी विचारधारा की धमकी देकर इन्होंने महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के शिक्षकों में खौफ का माहौल बना रखा है. आज प्रदेशभर की छात्र शक्ति एनएसयूआई के बैनर तले इकठ्ठा होकर गुरुवार को शांति मार्च निकाला जा रहा है. इसके बाद कुलाधिपति राज्यपाल को ज्ञापन देकर एक कमेटी बनाकर उच्च शिक्षण संस्थाओं में घटी घटनाओं की जांच करवाने और विद्यार्थी परिषद को प्रतिबंधित करने की मांग की जा रही है.