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No Diet Day : डाइटिंग और फास्टिंग घटाएगा मोटापा! एक्सपर्ट से जानिए एक दिन भोजन छोड़ने के मायने

आज के दौर में शरीर के आकार, वजन को लेकर लोगों में कई भ्रांतिया पैदा हो रही हैं, ऐसे में वो खुलकर खाने-पीने से डरते हैं. ऐसे लोगों को स्वस्थ्य जीवन जीने के लिए जागरूक करने के मकसद से हर साल 6 मई को 'नो डाइट डे' के रूप में मनाया जाता है. आइए जानते हैं डाइटिंग के फायदे-नुकसान को लेकर क्या कहतीं हैं न्यूट्रिशन एक्सपर्ट...

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Published : May 6, 2023, 10:22 AM IST

Updated : May 6, 2023, 10:43 AM IST

न्यूट्रिशन एक्सपर्ट से जानिए डाइटिंग का सही तरीका

जयपुर.हर साल 6 मई को दुनियाभर में 'नो डाइट डे' के रूप में मनाया जाता है. इस दिन का मकसद लोगों को खानपान के साथ सेहतमंद होने के लिए जागरूक करना है. साल 1992 में ब्रिटेन में मैरी इवांस यंग ने एक मुहिम की शुरुआत की थी, जिसका मकसद था हर साइज के लोगों को उनके शरीर में सहज महसूस करवाना और स्वस्थ्य जीवन जीने के लिए जागरूक करना. उन्होंने इस दिन को विशेष पहचान देने के मकसद से हल्के नीले रंग के रिबन बांधने के साथ ही पसंद का फास्ट फूड खाने का भी मशवरा दिया था.

यह कहती हैं न्यूट्रिशन विशेषज्ञ :न्यूट्रिशन एक्सपर्ट डॉक्टर मेधावी गौतम के मुताबिक जिन लोगों को वजन की समस्या है, वह लोग इस दिन खाने से या रूटीन डाइट से ब्रेक ले सकते हैं. इसके अलावा अपनी पसंद का भोजन लेकर भी इस दिन को सेलिब्रेट कर सकते हैं. उनके मुताबिक अक्सर महिलाएं अपने वजन को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित रहती हैं. ऐसे में वो पौष्टिक आहार और डाइट का ख्याल नहीं रखती हैं, इसलिए जरूरी है कि बेवजह चिंता करने से बेहतर कुछ लक्षणों को पहचान कर अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें. डॉक्टर मेधावी के मुताबिक अक्सर मोटापे के कारण ब्लड प्रेशर, हार्ट से जुड़ी बीमारियां, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रोल और डिप्रेशन जैसे रोग शरीर को घेर लेते हैं, इसलिए अनुशासन के साथ खानपान का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए.

इन बातों का रखें ख्याल

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जरूरी है बॉडी मास इंडेक्स :डॉक्टर मेधावी गौतम के मुताबिक लोगों को तनाव से बचकर अपनी डाइट को बैलेंस रखना चाहिए. शरीर को लेकर लगातार नकारात्मक सोच रखने से बेहतर है कि पसंदीदा भोजन को ग्रहण कर बिना कैलोरी की चिंता किए जीवन को जीएं. अपने शरीर का ध्यान रखते हुए इसे स्वस्थ बनाए रखने की दिशा में काम करें. डॉ गौतम के मुताबिक बॉडी मास इंडेक्स यानी BMI को हमेशा ध्यान में रखकर ही अपने आहार में होने वाले परिवर्तन पर फोकस रखें.

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उन्होंने बताया कि शरीर के वजन और लंबाई के अनुपात को एक गणना के मुताबिक आकलन करके कोई भी व्यक्ति अपना बॉडी मास इंडेक्स निकाल सकता है. जरूरी है कि महिला और पुरुष न्यूनतम 18 अंक से लेकर 25 अंक के बीच बीएमआई को बरकरार रखें. यदि किसी का बीएमआई 18 से 16 के बीच है तो उसे अपनी सेहत के प्रति गंभीर होना होगा. साथ ही उसे वजन बढ़ाने की दिशा में काम करना होगा. 16 से नीचे अंक वाले बीएमआई पर व्यक्ति कुपोषण की दिशा में जा सकता है, जबकि 25 से अधिक बीएमआई होने पर शरीर को मोटापे का खतरा रहता है.

परिजन भी रखे डाइट का ख्याल :न्यूट्रिशन एक्सपर्ट डॉक्टर मेधावी गौतम के मुताबिक अक्सर मॉडलिंग के प्रोफेशन से जुड़े लोगों में वजन को लेकर चिंताएं रहती हैं. ऐसे में कई बार बिना परामर्श के की गई डाइटिंग भी सेहत को नुकसान पहुंचाती है. ऐसे में परिजनों को भी घर के सदस्यों के आहार और खानपान में हुए बदलाव का ध्यान रखना चाहिए. यदि कोई नाश्ता स्किप कर रहा हो, रोजाना की डाइट से कम भोजन ग्रहण कर रहा हो या हर बार खाने से जुड़ी चीजों के साथ वजन बढ़ने की समस्या उन्हें घेरे रहती है तो ऐसे में लोगों को चिकित्सक के पास परामर्श के लिए लेकर जाना चाहिए.

Last Updated : May 6, 2023, 10:43 AM IST

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