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No Bag Day : 28 अक्टूबर को छात्रों को फिर पढ़ाया जाएगा गुड टच, बैड टच का पाठ, पहले चरण में बना था रिकॉर्ड - ETV Bharat Rajasthan News

प्रदेश में नो बैग डे के तहत 28 अक्टूबर को एक बार फिर छात्रों को असुरक्षित स्पर्श को लेकर जागरूक किया जाएगा. 65 हजार से ज्यादा सरकारी स्कूलों में ये सेशन आयोजित किए जाएंगे.

Awareness Session on unsafe touch For Students
गुड टच बैड टच का पाठ

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 25, 2023, 10:15 PM IST

जयपुर.प्रदेश में इस शनिवार एक बार भी छात्रों को गुड टच, बैड टच का पाठपढ़ाया जाएगा. 28 अक्टूबर को नो बैग डे के दिन 65000 सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को असुरक्षित स्पर्श पर जागरूक करने के लिए सेशन होगा. सुरक्षित स्कूल सुरक्षित राजस्थान अभियान का ये दूसरा चरण है. अगस्त में हुए पहले चरण में 58 लाख से ज्यादा छात्र प्रशिक्षण प्राप्त कर रिकॉर्ड बना चुके हैं.

नो, गो और टेल की थ्योरी : प्रदेश के 65 हजार से ज्यादा सरकारी स्कूलों में 28 अक्टूबर को 8 बजे से दोपहर 12 बजे के दौरान छात्रों को स्कूलों के स्तर पर तैयार किए गए मास्टर ट्रेनर्स गुड टच बैड टच पर विशेष प्रशिक्षण देंगे. स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने बताया कि विशेष रूप से तैयार इस ट्रेनिंग मॉड्यूल के तहत बच्चों को बैड टच की स्थिति में नो, गो, टेल की थ्योरी सिखाई जाती है, जिसके तहत बच्चा बैड टच होने पर नो बोलते हुए उस स्थान या व्यक्ति से दूर भागने और इसके बारे में बिना किसी डर के किसी बड़े या भरोसेमंद व्यक्ति को बताए.

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तीन चरणों में दिया जाएगा प्रशिक्षण : जैन ने बताया कि मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि नियमित अंतराल पर यदि तीन चरणों में बच्चों को इस संवेदनशील विषय पर प्रशिक्षित किया जाए, तो ये स्थाई रूप से उनके व्यवहार का हिस्सा बन जाता है, इसलिए स्कूल शिक्षा विभाग ने चरणबद्ध रूप से प्रशिक्षण की रूपरेखा तैयार की है. पहले अगस्त, अब 28 अक्टूबर फिर नए साल में जनवरी में तीसरे चरण का प्रशिक्षण दिया जाएगा.

पहले सेशन में बना था रिकॉर्ड :बता दें कि इस अभियान के पहले चरण में 26 अगस्त को प्रदेश की 65 हजार 122 सरकारी स्कूलों में 'नो बैग डे' की गतिविधि के तहत एक लाख से ज्यादा सेशंस में 58 लाख से ज्यादा छात्रों को 'असुरक्षित स्पर्श' के बारे में प्रशिक्षित किया गया था. इस पहल के तहत पहले राज्य स्तर पर 1200 मास्टर ट्रेनर्स को विशेष प्रशिक्षण दिया गया, फिर जिलों में आयोजित ट्रेनिंग सेशंस में सम्बंधित जिले के सभी स्कूलों से एक शिक्षक को मास्टर ट्रेनर बनाया गया है. वहीं, प्रदेश के सभी स्कूलों में प्रशिक्षण के दौरान प्रयोग में ली जाने वाली आवश्यक सामग्री भी पहुंचाई गई.

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