जयपुर.नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने राजधानी जयपुर में जलमहल की पाल पर नाइट बाजार को अवैध मानते हुए जयपुर नगर निगम हेरिटेज पर 10000 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. एनजीटी ने यह आदेश नाहरगढ़ वन एवं वन्यजीव सुरक्षा व सेवा समिति अध्यक्ष राजेंद्र तिवाड़ी की याचिका पर दिया है. यह राशि एक महीने में प्रधान मुख्य वन संरक्षण के खाते में जमा करने के निर्देश दिए गए हैं. एनवायरमेंट कंपनसेशन के रूप में इस राशि को क्षेत्र के पर्यावरण विकास पर खर्च करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही नाहरगढ़ इको सेंसेटिव जोन में व्यावसायिक गतिविधिया संचालित नहीं हो, इसके लिए जयपुर कलेक्टर और प्रधान मुख्य वन संरक्षक को पाबंद किया गया है.
बिना अनुमति के नाइट बाजार का संचालन: नाहरगढ़ वन एवं वन्यजीव सुरक्षा व सेवा समिति अध्यक्ष राजेंद्र तिवाड़ी ने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका पेश की थी. नाहरगढ़ वन्यजीव अभ्यारण के इको सेंसेटिव जोन जलमहल की पाल पर नगर निगम जयपुर हेरिटेज की ओर से बिना वन विभाग की अनुमति के नाइट बाजार का संचालन किया जा रहा था. जलमहल नाइट मार्केट और नगर निगम जयपुर हेरिटेज की ओर से सीवर लाइन का गंदा पानी जलमहल की झील में डाला जा रहा था. जिससे वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण हो रहा था.
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25 लाख रुपए कंपनसेशन: नाहरगढ़ इको सेंसेटिव जोन अधिसूचना का उल्लंघन किया जा रहा था. इको सेंसेटिव जोन में किसी भी प्रकार की व्यवसायिक गतिविधि करने से पहले वन विभाग की एनओसी लेना आवश्यक होता है. प्रकरण में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से सभी पक्षों को सुना गया. नगर निगम जयपुर हेरिटेज की ओर से संचालित गतिविधि को अवैध माना गया है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल जोन भोपाल की ओर से जयपुर नगर निगम हेरिटेज पर एनवायरमेंट कंपनसेशन 10000 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से करीब 25 लाख रुपए कंपनसेशन लगाया गया है.