ठगी के शिकार पीड़ित पानी की टंकी पर चढ़े जयपुर. राजधानी के सहकार मार्ग पर एक कंपनी से ठगी का शिकार हुए पीड़ित पानी की टंकी पर चढ़ गए. मंगलवार सुबह सहकार मार्ग स्थित पीएचईडी की टंकी पर 9 पीड़ितों ने चढ़कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की. सूचना पर पुलिस और रेस्क्यू के लिए सिविल डिफेंस की टीम मौके पर पहुंची. उनकी पीड़ितों से समझाइश जारी है.
ज्योति नगर थाना अधिकारी राजकुमार के मुताबिक कुछ 9 लोग पानी की टंकी पर चढ़े हुए हैं, जिनसे समझाइश की जा रही है. समझाइश करने के बाद भी नीचे नहीं उतर रहे हैं. आला अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है. सभी लोग ठगी से पीड़ित है, जिनके मामले पहले से ही दर्ज हैं.
अधिकारियों ने नहीं सुनी आवाज : पीड़ितों का आरोप है कि हम नेक्सा एवरग्रीन कंपनी से पीड़ित हैं. पिछले 11 महीनों से ठगी करने वाली कंपनी के कर्मचारियों की गिरफ्तारी की कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. इसके लिए कई बार धरना-प्रदर्शन भी किया गया, लेकिन अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है. कई बड़े ठग खुलेआम घूम रहे हैं. उच्च अधिकारियों तक भी न्याय की गुहार लगाई गई है, लेकिन फिर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. पीड़ितों की मांग है कि मामले में जांच अधिकारी भी चेंज होना चाहिए. ठगी का पैसा जल्द ही वापस मिलना चाहिए. बैंकों से लोन लेकर हम मानसिक और आर्थिक प्रताड़नाए झेल रहे हैं. आगे तक हमारी आवाज पहुंचाने के लिए मजबूरन यह कदम उठाया जा रहा है. इस मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से की जानी चाहिए.
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14 महीनों में पैसा डबल का दिया था लालच :पीड़ितों के मुताबिक जनवरी 2023 में ठगी हुई थी. पीड़ितों ने बताया कि आरोपियों ने हमें लालच दिया था कि 14 महीनों में आपका पैसा डबल हो जाएगा, लेकिन हमें अभी तक कोई पैसा नहीं मिला है. शुरुआत में इन लोगों ने बिजनेस के तौर पर हमें जानकारी देकर पैसा निवेश करवाया था. पूरा प्रोसेस लीगल बताया गया था. बाद में पता चला कि कंपनी का ये अवैध कार्य है. 80 प्रतिशत एक्स सर्विसमैन जोड़े गए हैं. इस ठगी के हजारों लोग पीड़ित हैं. सभी पीड़ित आर्थिक रूप से बहुत परेशान है. दरअसल, धोलेरा सिटी में निवेश के नाम पर ठगी की गई थी. करीब 70,000 से अधिक पीड़ित ठगी का शिकार हो चुके हैं. इस संबंध में जयपुर, सीकर, झुंझुनू, जोधपुर समेत प्रदेश भर में करीब 100 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. मामले में सीकर पुलिस आरोपी अमरचंद ढाका, रणवीर बिजारणिया, सुभाष बिजारणिया और उपेंद्र को 4 मार्च को गिरफ्तार कर चुकी है. आरोपियों के बैंक खाते भी सीज किए गए थे.
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यह है पूरा मामला : बता दें कि करीब 2700 करोड़ रुपए की ठगी का ये मामला है. पूरे प्रदेश भर में इसको लेकर 103 एफआईआर दर्ज हुई है. पुलिस ने अब तक इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है. पीएम मोदी की फोटो दिखाकर जमीन और इंडस्ट्री में पैसे लगाने के नाम पर यह ठगी हुई थी. 2018 और 2019 में यह कंपनी राजस्थान और देशभर में एक्टिव हुई थी, जिसमें काम करने वाले अधिकांश लोग आर्मी पर्सन थे. 2 जनवरी 2023 के बाद ये सभी आरोपी फरार हो गए. इन्होंने पैसा देने से इनकार कर दिया. इन्होंने कहा था कि उनकी कंपनी का साइबर फ्रॉड हो चुका है, लेकिन अब तक ना तो कंपनी के अधिकारी पकड़े गए, ना हीं पैसा रिफंड हुआ है.