जयपुर.झालाना का जंगल वहां बसे बघेरों को करीब से निहारने का जो मौका देता है, उसे राजधानी में आने वाले सैलानी भी करीब से निहार रहे हैं. हर विजिट में लेपर्ड देखने की गारंटी यह जंगल देता है. यही कारण है कि साल के आखिर में सर्दियों की छुट्टियां लोगों को इस तरफ आकर्षित करती हैं, साथ ही इस जंगल में देशी-विदेशी परिंदों की विभिन्न प्रजातियां और जंगलों को करीब से निहारने का शौक रखने वाले लोगों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है. जंगल में और भी कई किस्म के जानवर देखे जा सकते हैं. ऐसे में हरी-भरी वादियों के बीच कंक्रीट के जंगल की दीवार लांघते ही अलग जिंदगी का हर कोई दीदार के लिए पहुंच रहा है.
इतने सैलानी अब तक विजिट कर चुके हैं झालाना : न्यू ईयर पर जंगल पर्यटकों की पहली पसंद बना हुआ है. झालाना लेपर्ड सफारी की बुकिंग फुल चल रही है. झालाना लेपर्ड रिजर्व में रोजाना दो पारियों में सफारी करवाई जाती है. लेपर्ड सफारी में 10 जिप्सियां संचालित की जा रही हैं. इनमें ऑनलाइन बुकिंग होती है. इसके अलावा दो जिप्सी ऑफलाइन बुकिंग के लिए उपलब्ध है. सुबह पहली पारी 7:00 से 9:30 बजे तक और शाम को दूसरी पारी 3:00 से 5:30 तक सफारी करवाई जाती है. एक पारी में करीब 144 पर्यटक सफारी करते हैं. सुबह और शाम की दोनों पारियों के मिलकर 288 पर्यटक विजिट कर रहे हैं. प्रति पर्यटक सफारी का चार्ज 784 रुपए है. 1 जनवरी 2023 से 30 दिसंबर 2023 तक झालाना लेपर्ड सफारी में कुल 48693 पर्यटक विजिट कर चुके हैं.
झालाना में लेपर्ड : झालाना लेपर्ड रिजर्व में करीब 40 से अधिक लेपर्ड निवास करते हैं. शुरुआत में करीब 20 लेपर्ड थे. लगातार लेपर्ड्स का कुनबा बढ़ता जा रहा है. झालाना लेपर्ड रिजर्व में नए शावकों की अठखेलियाँ भी पर्यटकों को रोमांचित कर रही है. झालाना में लेपर्ड्स के अलावा जरख, हिरण, नीलगाय समेत अन्य वन्यजीव भी है. विभिन्न प्रजातियों के पक्षी भी झालाना में मौजूद हैं. झालाना से सरिस्का तक जंगल एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. झालाना से गलता वन क्षेत्र लगता हुआ है. गलता से आमेर फॉरेस्ट, आमेर से नाहरगढ़, नाहरगढ़ अभयारण्य से अचरोल, अचरोल से जमवारामगढ़ अभयारण्य और जमवारामगढ़ से सरिस्का टाइगर रिजर्व जुड़ा हुआ है.
झालाना लेपर्ड रिजर्व पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. नए शावक पर्यटकों के लिए खासा आकर्षण का केंद्र रहते हैं. लेपर्ड्स की साईटिंग से पर्यटक रोमांचित हो रहे हैं. झालाना जंगल के चारों तरफ आबादी बसी हुई है. आबादी के बीचो-बीच जंगल का खूबसूरत नजारा पर्यटकों को उत्साहित करता है.